पत्रिका ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एवं ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेसा मे को भी अपनी सूची में जगह दी है. इस सूची में विश्व भर के कलाकारों, नेताओं एवं प्रमुख हस्तियों को जगह मिली है जिन्हें उनके नवोन्मेष, उनकी महत्वाकांक्षा, समस्याओं को हल करने में उनकी प्रतिभा को लेकर सम्मानित किया गया है.
लेखक पंकज मिश्रा ने मोदी का प्रोफाइल लिखा है. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की कल्पना से भी काफी पहले मई 2014 में मोदी विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बन गए.
इसमें कहा गया है कि मुस्लिम विरोधी हिंसा में उनकी संदिग्ध भूमिका को लेकर कभी अमेरिका ने उन पर पाबंदी लगा दी थी और स्वदेश में भी उनका राजनीतिक रूप से बहिष्कार किया गया था. उन्होंने स्वार्थी संभ्रांत वर्ग को हटाकर भारत को फिर से महान बनाने का वादा किया.
सत्ता में आने के करीब तीन साल बाद भारत की आर्थिक, भू राजनीतिक और सांस्कृतिक सर्वोच्चता के बारे में मोदी की दूरदृष्टि साकार होने से कोसों दूर है. वे राजनीतिक रूप से आकषिर्त करने, डर की भावना से खेलने और नीचे धकेल दिए जाने या अवरूद्ध गतिशीलता का सामना कर रहे लोगों की सांस्कृतिक असुरक्षा से खेलने की कला में माहिर हैं.
उत्तर प्रदेश में शानदार चुनावी जीत ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि निर्वाचित शक्तिशाली लोग संभ्रांत वर्ग के विरुद्ध वैश्विक विद्रोह का फायदा उठाने वालों में प्रमुख हैं.
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