संयुक्त राष्ट्र द्वारा 12 अप्रैल 2017 को सीरिया द्वारा किये गये केमिकल हमले के खिलाफ एक मसौदा संकल्प पत्र जारी किये जाने के लिए आयोजित बैठक में रूस से वीटो किया. बैठक में सीरिया सरकार को केमिकल हमले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए यह प्रस्ताव पटल पर रखा गया था.
अमेरिका सहित सभी पश्चिमी देशों ने इस केमिकल हमले के बाद सीरिया में असद सरकार की निंदा की. सभी पश्चिमी देशों का मानना है कि सीरिया इस मामले की जांच कराए. लेकिन रूस ने सुरक्षा परिषद में वीटो का उपयोग करते हुए सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को निर्दोष बताते हुए उसकी रक्षा की.
इससे पहले पिछले छह सालों में सीरिया के गृहयुद्ध के मामले में चीन भी 6 प्रस्तावों पर वीटो लगा चुका है. इथोपिया और कजाकिस्तान सहित 10 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि बोलीविया ने रूस का साथ दिया.
अमेरिका सहित सभी पश्चिमी देशों ने इस केमिकल हमले के बाद सीरिया में असद सरकार की निंदा की. सभी पश्चिमी देशों का मानना है कि सीरिया इस मामले की जांच कराए. लेकिन रूस ने सुरक्षा परिषद में वीटो का उपयोग करते हुए सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को निर्दोष बताते हुए उसकी रक्षा की.
इससे पहले पिछले छह सालों में सीरिया के गृहयुद्ध के मामले में चीन भी 6 प्रस्तावों पर वीटो लगा चुका है. इथोपिया और कजाकिस्तान सहित 10 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि बोलीविया ने रूस का साथ दिया.
पृष्ठभूमि
पश्चिमी देश सीरिया की असद सरकार पर विद्रोही गुट के कब्जे वाले क्षेत्र में केमिकल हमले का आरोप लगा रही हैं, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित दर्जनों लोगों की जान चली गई थी. सीरिया सरकार का कहना है कि उसने ऐसा कोई हमला नहीं किया, जिसके बाद अमेरिका ने पिछले हफ्ते उसके एयर बेस पर टॉम-हॉक मिसाइलें दागीं.
संयुक्त राष्ट्र में सीरिया के राजदूत बशर जाफरी ने कहा कि उनकी सरकार के पास ऐसे हथियार नहीं हैं. दूसरी ओर सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इडलिब में केमिकल हमले पर पुतिन ने कहा, इस बारे में उनके पास दो मुख्य स्पष्टीकरण हैं. उन्होंने कहा, पहला स्पष्टीकरण तो यह है कि सीरिया सरकार ने विद्रोहियों के कब्जे वाले जिस इलाके में हमला किया, वहां विद्रोहियों का केमिकल हथियारों के डिपो होगा. दूसरा स्पष्टीकरण यह है कि ऐसा कोई गैस हमला हुआ ही नहीं.
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