सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति हेतु 51 नामों को मंजूरी दी-(18-APR-2017) C.A

| Tuesday, April 18, 2017
Supreme Courtदेश के 10 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने 51 नामों की सिफारिश की है.
भारत के प्रधान न्यायाधीश जे. एस. खेहर की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने न्यायाधीशों की नियुक्ति हेतु मेमोरेन्डम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी) को अंतिम रूप देने के बाद नामों को मंजूरी दी.
उन्होंने कहा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम से मिले 90 नामों में से 51 नामों को कॉलेजियम ने मंजूरी दी है.
हालांकि 51 में से 20 न्यायिक अधिकारी हैं और 31 वकील हैं. कॉलेजियम ने बंबई, पंजाब और पटना, हैदराबाद, दिल्ली, हरियाणा, और छत्तीसगढ़ के लिए नामों की अनुशंसा की है.
उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम की अनुशंसाओं से अगर केंद्र सरकार सहमत होती है तो जम्मू..कश्मीर, झारखंड, गौहाटी और सिक्किम को भी न्यायाधीश मिलने की उम्मीद है.
विभिन्न उच्च न्यायालयों में वर्ष 2015 के बाद से ही पेंडिंग केसों की तादाद में तेजी से इजाफा हुआ है. वहीं, देश के 24 हाई कोर्ट में 41 प्रतिशत पद खाली हैं.
इन अदालतों में कुल 1079 जजों के पद हैं, लेकिन सिर्फ 632 ही काम कर रहे हैं. सीजेआई खेहर, जस्टिस दीपक मिश्र और जस्टिस चेलामेश्वर की सदस्यता वाले कलीजियम को जजों के नाम तय करने में मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा.
ऐसा इसलिए क्योंकि जस्टिस चेलामेश्वर कलीजियम की बैठकों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. हालांकि, उन्होंने बाकी दो जजों की ओर से प्रस्तावित नामों पर अपनी राय देने पर रजामंदी दी है. सीजेआई ने मामले का हल निकालते हुए मिश्रा और चेलामेश्वर से अलग-अलग कई बार मुलाकात की.
जजों के नाम तय करने हेतु सीजेआई ने 20 मार्च से 29 मार्च के मध्य ये मुलाकातें कीं. माना जा रहा है कि उन्होंने इस दौरान उन 90 नामों में से इन जजों को छांटा, जिनकी सिफारिश विभिन्न हाई कोर्ट के कलीजियम ने की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा जजों की नियुक्ति की नई व्यवस्था नैशनल जुडिशल अपॉइंटमेंट कमिशन को अक्टूबर 2015 में खारिज कर दिया था. केंद्र सरकार ने दावा किया था कि उसने हाई कोर्ट के लिए वर्ष 2016 में 127 जजों की नियुक्त को मंजूरी दी, जो एक रेकॉर्ड है.

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