बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आडवाणी, भारती और जोशी पर मुकदमा चलेगा-(20-APR-2017) C.A

| Thursday, April 20, 2017
उच्चतम न्यायालय ने 19 अप्रैल 2017 को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की याचिका मंजूर की और लाल कृष्ण आडवाणी तथा भाजपा के अन्य नेताओं के खिलाफ आपराधिक षडय़ंत्र के आरोप बहाल किए.
न्यायालय ने लखनऊ में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अज्ञात 'कारसेवकों' के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों की संयुक्त सुनवाई का आदेश दिया.
भाजपा के शीर्ष नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती को वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इन नेताओं के विरुद्ध लगे आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल करने की सीबीआई की याचिका को आज स्वीकार कर लिया है.
अदालत ने कहा है कि राजस्थान के राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह को संवैधानिक छूट प्राप्त है और उनके कार्यालय छोडऩे के बाद ही उनके विरुद्ध मामला चलाया जा सकता है. कल्याण सिंह वर्ष 1992 में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री थे.
न्यायालय ने सीबीआई को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अभियोजन के कुछ गवाह बयान दर्ज कराने हेतु निचली अदालत में पेश हों. न्यायालय ने आदेश दिया कि बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत के न्यायाधीश को निर्णय दिए जाने तक स्थानांतरित नहीं किया जाएगा.
न्यायालय ने सुनवाई कर रही लखनऊ की अदालत को चार सप्ताह में कार्यवाही शुरू करने और यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि नए सिरे से कोई सुनवाई नहीं होगी.
न्यायालय ने कहा कि उसके आदेश का पालन होना चाहिए और उसके आदेशों का पालन नहीं किए जाने की स्थिति में पक्षों को न्यायालय के पास आने का अधिकार दिया.
न्यायालय ने नेताओं और ‘कारसेवकों’ के विरुद्ध लंबित मामलों को भी इस मामले में शामिल कर दिया और कहा कि कार्यवाही दो साल में पूरी हो जानी चाहिए.

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