विश्व बैंक ने राष्ट्रीय जलमार्ग -1 विकसित करने हेतु 375 मिलियन डॉलर ऋण की स्वीकृति प्रदान की-(28-APR-2017) C.A

| Friday, April 28, 2017
जलमार्ग विकास परियोजना को नियत समय में पूरा करने और क्षमता में वृद्धि हेतु विश्व बैंक ने 375 मिलियन डॉलर ऋण की स्वीकृति प्रदान की है. राष्ट्रीय जलमार्ग -1 देश की महत्वाकांक्षी जलमार्ग परियोजना है.

राष्ट्रीय जलमार्ग -1 के तहत केंद्र सरकार हल्दिया से लेकर वाराणसी (1390 किलोमीटर) तक जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत 5369 करोड़ रुपये की लागत से एनडब्ल्यू-1 (गंगा नदी) को विकसित कर रही है.

प्रमुख तथ्य-
  • इस परियोजना को पूरा करने हेतु केंद्र सरकार ने विश्व बैंक से तकनीकी एवं वित्तीय सहायता ली है.
  • इस परियोजना से 1500-2000 डीडब्ल्यूटी की क्षमता वाले जहाजों के व्यावसायिक नेविगेशन सक्षम किए जाएँगे.
  • परियोजना के अंतर्गत वाराणसी (उत्तर प्रदेश), साहिबगंज (झारखंड) और हल्दिया (पश्चिम बंगाल) में तीन बहुआयामी टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे.
  • दूसरी ओर कालुघाट और गाज़ीपुर में दो अंतर-मॉडल टर्मिनल, पांच रॉल ऑफ रॉल ऑन टर्मिनल (आरओ-आरओ), वाराणसी, पटना, भागलपुर, मुंगेर, कोलकाता और हल्दिया में नौका सेवा का विकास, और पोत मरम्मत और रख-रखाव की सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
  • वाराणसी एवं साहिबगंज में बहु-मॉडल टर्मिनल और फरक्का में नवीन नेविगेशन लॉक को निर्मित करने के लिए अनुंबध किए जा चुके हैं.
  • हल्दिया में बहु-आयामी टर्मिनल का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा.
  • साहिबगंज में बनने वाले बहु-आयामी टर्मिनल की आधारशिला 06 अप्रैल 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी.
  • अगस्त 2016 में सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाज़रानी मंत्री नितिन गडकरी ने वाराणसी में बनाए जाने वाले बहु-आयामी टर्मिनल की आधारशिला रखी.
  • यह परियोजना भारत में पहली बार एनडब्ल्यू-1 पर गंगा सूचना सेवा प्रणाली को स्थापित करने हेतु आईडब्ल्यूए को सक्षम करेगी.
  • नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस) उपकरण, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर आधारित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संबंधित सेवाएं हैं, जिसे अंतर्देशीय नेविगेशन में यातायात और परिवहन प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने हेतु डिज़ाइन किया गया है.
  • राष्ट्रीय जलमार्ग– 1 उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरता है.
  • यह इलाहाबाद, वाराणसी, गाज़ीपुर, भागलपुर, पटना, हावड़ा, हल्दिया और कोलकाता के प्रमुख शहरों सेवा में अग्रसर है और गंगा से सटे क्षेत्रों की औद्योगिक ज़रूरतों को पूरा करने में योगदान देता है.
  • इस क्षेत्र में रेल और सड़क गलियारे काफी अधिक भरे हुए हैं, इसलिए, एनडब्ल्यू -1 का विकास, परिवहन के एक वैकल्पिक, व्यवहार्य, आर्थिक, कुशल और पर्यावरण-अनुकूल तरीके की सुविधा प्रदान करेगा.

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