बजट में घोषित टैक्स 1 अप्रैल से लागू होंगे-(07-APR-2017) C.A

| Friday, April 7, 2017
वर्ष 2017-18 के बजट में प्रस्तावित सभी टैक्स 1 अप्रैल 2017 से लागू होंगे. आर्थिक दरों में किये गये बदलावों से बाज़ार की कीमतों पर भी प्रभाव पड़ेगा. इसलिए 1 अप्रैल से जहां कुछ वस्तुएं सस्ती होंगी तो वहीँ कुछ वस्तुएं महंगी भी हो जायेंगी. 

महंगे

•    सभी कमर्शियल वाहनों के बीमा एक अप्रैल से महंगे हो जायेंगे. इसके आलावा कारों, मोटरसाइकिलों के बीमा भी महंगे हो जायेंगे.

•    सभी तम्बाकू उत्पाद भी पहले की अपेक्षा महंगे होंगे. तंबाकू वाले पान-मसाले व गुटखे पर उत्पाद शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो जाएगा जिसका असर इनका इस्तेमाल करने वालों की जेब पर पड़ेगा. 

•    सिगरेट पर उत्पाद शुल्क 215 रुपये प्रति हजार से बढ़कर 311 रुपये प्रति हजार हो जायेगा.

•     एलईडी बल्ब महंगे हो जाएंगे क्योंकि एलईडी बल्ब बनाने के लिए उपयोग की जा रही सामग्री का मूल सीमा शुल्क पर 6 प्रतिशत प्रतिपूर्ति शुल्क लगेगा. 

•    चांदी के बर्तन और चांदी से बनने वाले सामान भी एक अप्रैल से महंगे हों जायेंगे. 

•    मोबाइल फोन के दामों में भी उछाल आएगा क्योंकि मोबाइल फोन बनाने के लिए उपयोग किये जाने वाले प्रिंटिड सर्किट बोर्ड पर भी सीमा शुल्क लगाया गया है. 

•    स्टील से बना सामान भी एक अप्रैल से महंगा हो रहा है. 

•    एल्यूमीनियम पर सरकार द्वारा अयस्क और कनसंट्रेट पर 30 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया गया है जिसके कारण इससे जुड़े तमाम पदार्थ महंगे हो जाएंगे.

•    एनएचएआई ने टोल प्लाजा पर 2 से 3 फीसदी की बढ़ोतरी सुनिश्चित की है. इससे होने वाले 2 से 3 प्रतिशत से वाहन चालकों को अब 5 से 10 रुपए अधिक टोल टैक्स देना होगा.

•    टेलीकॉम कंपनियां 31 मार्च तक फ्री में अनलिमिटेड डाटा और कॉलिंग की सुविधा दे रही थीं लेकिन 1 अप्रैल से यह भी महंगा हो जायेगा.

सस्ते

•    रेल टिकट की ऑनलाइन बुकिंग सस्ती हो सकेगी. इस बार के बजट में रेल टिकटों की बुकिंग को ऑनलाइन कराने पर छूट का प्रावधान दिया गया था. 

•    सस्ते होम लोन भी इस बार के बजट का मुख्य भाग था. बजट में सरकार ने लोगों सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए होम लोन ब्याज पर छूट की घोषणा की थी. 

•    बजट में दिए गये प्रावधान के कारण वॉटर प्यूरीफायर एवं आरओ के दाम कम हो सकते हैं.

•    चमड़े से बना सामान भी सस्ता हो सकता है. 

•    सुस्त पड़े भारतीय डाक विभाग को रफ़्तार देने किये लिए बजट में प्रावधान किया गया  था. फलस्वरूप डाक से जुड़ी सुविधायें सस्ती हो सकती हैं.

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