राष्ट्रपति इर्दोगान ने जीता तुर्की जनमत संग्रह-(18-APR-2017) C.A

| Tuesday, April 18, 2017
तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब तैयब इर्दोगान ने कार्यकारी राष्ट्रपति प्रणाली लाए जाने को लेकर कराये गये जनमत संग्रह में जीत दर्ज की. इस ऐतिहासिक जनमत संग्रह को इर्दोगान ने मामूली अंतर से जीता. 

इस जीत का परिणाम यह हुआ कि वे अब 2029 तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं. इर्दोगान इस निर्णय से देश में कार्यकारी राष्ट्रपति शासन प्रणाली लागू कर सकते हैं. इर्दोगान के समर्थकों का मानना है कि यह शासन प्रणाली कारगर साबित होगी और इससे देश का आधुनिकीकरण होगा जबकि विरोधी मानते हैं कि इससे देश में निरंकुशता को बढ़ावा मिल सकता है.
तुर्की का जनमत संग्रह

•    तुर्की में 1 लाख 67 हज़ार पोलिंग बूथों पर लगभग 5.50 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर सकते हैं.

•    जनमत संग्रह में लगभग 85 प्रतिशत मतदान हुआ.

•    इस मतदान में लगभग 51.37 प्रतिशत लोगों ने इर्दोगान के पक्ष में वोट किया जबकि लगभग 48.63 प्रतिशत लोगों ने विपक्ष में वोट किया.

•    तुर्की की दोनों विपक्षी पार्टियों ने इस परिणाम को चुनौती देने की अपील की है जबकि रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी (सीएचपी) ने 60 प्रतिशत मतों की पुनः गिनती कराये जाने की मांग की है.

जनमत संग्रह का प्रभाव
•    जनमत संग्रह के परिणामस्वरुप तुर्की में 3 नवम्बर 2019 को अगले राष्ट्रपति एवं संसदीय चुनाव होंगे.

•    देश में प्रधानमंत्री पद समाप्त कर दिया जायेगा. सभी फैसले लेने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होगा. बिनाली यिल्दरिम अभी तुर्की के प्रधानमंत्री हैं.

•    राष्ट्रपति न्यायिक प्रक्रिया में भी अपना निर्णय दे सकता है. देश के मुख्य न्यायाधीश को चुनने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होगा.

•    राष्ट्रपति का शासन काल पांच साल का होगा और अधिकतम दो कार्यकाल तक होगा.

•    राष्ट्रपति अपने अधीन एक या उससे अधिक उप राष्ट्रपति रख सकेगा.

•    राष्ट्रपति को देश में आपातकाल लागू करने का पूरा अधिकार होगा.

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