सउदी अरब के राजा सलमान ने 22 अप्रैल 2017 को एक शादी डिक्री जारी किया जिसमें उनके बेटे प्रिंस खालिद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज के संयुक्त राष्ट्र (यूएस) में सऊदी अरब का राजदूत बनने की बात कही गई थी. प्रिंस अब्दुल्ला बिन फैसल बिन तुर्की को अमेरिका के राजदूत के पद से हटा दिया गया था.
वाशिंगटन में प्रिंस खालिद की नियुक्ति से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधीन अमेरिका के साथ सऊदी साम्राज्य के मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों का संकेत मिलता है.
इसके अलावा, सऊदी अरब रक्षा क्षेत्र में खर्च करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. प्रिंस खालिद की नियुक्ति उन्हें अमेरिकी निर्माताओं के साथ सौदों में प्रभावशाली ब्रोकर बनाता है.
प्रिंस खालिद के बारे में:
• राजा सलमान के बेटे प्रिंस खालिद भूतपूर्व एफ–15 पायलट हैं. इन्होंने 2009 में मिसिसिपी में कोलंबस एयर फोर्स बेस से सैन्य– विमानन प्रशिक्षण में स्नातक किया था.
• इन्होंने 2014 में अमेरिका–नीत गठबंधन के हिस्से के तौर पर गैर– इस्लामिक राज्य हमलों में हिस्सा लिया था.
• इन्होंने यमन पर विमान मिशनों में भी हिस्सा लिया है जहां उनका साम्राज्य दो वर्ष से भी अधिक समय से ईरान के साथ गठबंधन वाले यमनई गुट पर बमबारी कर रहा है.
• हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में संक्षिप्त अध्ययन करने के बाद, इन्होंने नेवादा में नेल्लिस वायु सेना बेस में प्रशिक्षण प्राप्त किया.
टिप्पणी:
सऊदी के तेल के लिए अमेरिकी सुरक्षा के आदान– प्रदान के आधार पर अमेरिका और सऊदी अरब का संबंध दशकों पुराना है. हालांकि, सुन्नी–शासित रियाद और वाशिंगटन के बीच संबंध बराक ओबामा प्रशासन के दौरान ठंडे पड़ गए थे. वजह थी ओबामा प्रशासन का शिया– शासित ईरान के साथ परमाणु समझौता जिसका इस साम्राज्य ने काफी विरोध किया था. सऊदी अरब और ईरान क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वि हैं और सीरिया और यमन की जंग में दोनों विरोधी पक्ष रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के दिन से ही इन संबंधों में सुधार हुआ. इस प्रकार की रणनीतिक नियुक्तियों के साथ इस संबंध के और मजबूत होने की संभावना है.
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