वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति पर सबसे ठंडे स्थान (ग्रेट कोल्ड स्पॉट) की खोज की. इससे पहले बृहस्पति पर 1830 में ग्रेट रेड स्पॉट की खोज की गयी थी.
इस संबंध में अमेरिकी भौगोलिक संघ की एक पत्रिका के भूभौतिकीय अनुसंधान पत्र में लेख प्रकाशित किया गया.
प्रमुख बिंदु
• इस ग्रेट कोल्ड स्पॉट की चौड़ाई 12000 किलोमीटर तथा लम्बाई 24000 किलोमीटर बताई गयी है.
• यह स्थान ग्रह के ऊपरी वायुमंडल में स्थित है. यह आसपास के गर्म परिवेश की तुलना में अधिक ठंडा है इसलिए इसका नाम ग्रेट कोल्ड स्पॉट रखा गया.
• पहले खोजे गये ग्रेट रेड स्पॉट की तुलना में यह अपना आकार एवं माप बदलता रहता है.
• इसका निर्माण बृहस्पति के ध्रुवीय अरोरास से निकलने वाली ऊर्जा से हुआ है.
• ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह हज़ारों वर्ष पुराना हो सकता है.
इस शोध के लेखक टॉम स्टॉलार्ड के अनुसार यह ग्रेट रेड स्पॉट से काफी भिन्न है लेकिन इस पर पिछले 15 वर्षों के शोध में अधिक जानकारी हासिल की गयी. शोध में कहा गया है कि बृहस्पति के ऊपरी वायुमंडल में अन्य तत्व भी शामिल हो सकते हैं. अब वैज्ञानिक अधिक बारीकी से इस अत्यधिक ठंडे स्थान एवं उसके आसपास के क्षेत्र का अध्ययन कर सकेंगे. वैज्ञानिक नासा के जूनो स्पेसक्राफ्ट तथा पृथ्वी पर स्थापित टेलीस्कोप का उपयोग करके बृहस्पति का अध्ययन करेंगे.
ग्रेट रेड स्पॉट
सौर मंडल बृहस्पति सबसे बड़ा ग्रह है तथा इसे गहरे लाल रंग के ऑर्बिट के रूप में जाना जाता है. इसके आसपास हल्के पीले, नारंगी और सफेद रंग की एक परत है. बृहस्पति ग्रह पर वैज्ञानिकों द्वारा एक विशाल लाल रंग के स्थान की तस्वीर ली गयी थी जो दरअसल बृहस्पति के वायुमंडल में घूमता हुआ तूफान है. इस स्थान को ग्रेट रेड स्पॉट के नाम से जाना जाता है. यह पृथ्वी से दो से तीन गुना चौड़ा है और यहां वायु की गति 270 मील प्रति घंटे है. इसका व्यास करीब 40,000 किमी आंका गया था. बृहस्पति ग्रह की यह तस्वीरें 11 दिसंबर 2016 को ली गयी थीं उस वक्त ग्रह से स्पेसक्राफ्ट के बीच की दूरी करीब 4,58,800 किलोमीटर थी.
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