कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सज़ा सुनाई गयी-(12-APR-2017) C.A

| Wednesday, April 12, 2017
kulbhushan
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने 10 अप्रैल 2017 को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनायी. सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में दोषी पाये जाने के बाद यह सज़ा सुनाई.

कोर्ट मार्शल में भारतीय नौसेना के 46 वर्षीय पूर्व अधिकारी को फांसी की सजा पर पाकिस्तानी सेना के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी स्वीकृति प्रदान की. सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी बयान में कहा गया कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) कुलभूषण जाधव को दी गयी मौत की सजा की सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी पुष्टि की.

भारत ने इस पर अपना विरोध प्रकट किया है तथा इसे सुनियोजित हत्या करार दिया है. भारत द्वारा विरोध प्रकट करते हुए विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया तथा उन्हें 'डिमार्शे' सौंपा गया. इसमें कहा गया कि जाधव के खिलाफ बिना किसी प्रमाणिक साक्ष्य के इस प्रकार की सज़ा सुनाना हास्यास्पद है.
भारत का विरोध

डिमार्शे के मुताबिक भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के जरिए वाणिज्य दूतावास को जाधव तक संपर्क देने की मांग की और 23 मार्च 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच ऐसे 13 अनुरोध औपचारिक तरीके से किए गए लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी. इसमें कहा गया कि जाधव को जिस कार्यवाही के तहत यह सजा सुनाई गई वह हास्यास्पद है और उनके खिलाफ बगैर किसी भरोसमंद सबूत के इस सज़ा का दिया जाना निंदनीय है. इसमें कहा गया कि जाधव पर मुक़दमा चलाने की सूचना भारतीय उच्चायोग तक को नहीं दी गई.

कुलभूषण जाधव को कथित तौर पर ईरान से प्रवेश करने के बाद 3 मार्च 2016 को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अशांत बलुचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि जाधव रॉ में तैनात भारतीय नौसेना का ‘सेवारत अधिकारी है’.
मौजूदा हालात
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण जाधव को गलत आरोपों के साथ सजा देने की कोशिश की जा रही है इसे भारत सुनियोजित हत्या मानेगा. सुषमा स्वराज ने कहा कि कुलभूषण बिल्कुल निर्दोष है और हर हाल में वापस लाने के लिए सरकार कदम उठाएगी. वहीं संसद में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं जो ईरान के चाबहार में छोटा मोटा कारोबार करते थे और इसमें एक स्थानीय ईरान नागरिक उनका पार्टनर भी था. कारोबार के सिलसिले में उनका चाबहार में आना जाना लगा रहता था. मार्च 2016 में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने चाबहार से जाधव का अपहरण किया और पाकिस्तानी मीडिया के समक्ष उन्हें भारतीय जासूस के रुप में पेश किया गया

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