वन्य जीवों के लिए उत्तर भारत को डीएनए बैंक मिलेगा-(12-APR-2017) C.A

| Wednesday, April 12, 2017
भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई), बरेली उत्तर प्रदेश वन्य जीवों के लिए डीएनए बैंक की स्थापना करने जा रहा है. उत्तर भारत में यह अपने तरह का पहला बैंक होगा.
संस्थान के शोधकर्ता सभी वन्य जीवों के डीएन को एकत्र करने की प्रक्रिया में लगे हैं. अभी तक उन्होंने करीब 140 प्रजातियों के नमूनों को एकत्र कर लिया है.
मुख्य बातें:
•    इस बैंक के जरिए आईवीआरआई के वन्यजीव केंद्र के वैज्ञानिक किसी भी पशु के मांस, बाल, रक्त, त्वचा या हड्डी के एक हिस्से का अध्ययन कर के लिए उस प्रजाति का नाम और नामावली बताने में सक्षम होंगे.
•    यह केंद्र पशुओं के सीरम का भी संग्रह करेगा.
•    इस कदम से अनुसंधान में सहायता करने और वन्यजीवों के शिकार और तस्करी को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है.
•    हैदराबाद के विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण हेतु प्रयोगशाला (LaCONES)) के बाद यह बैंक एक मात्र ऐसा स्थान होगा जहां ऐसी सुविधा उपलब्ध होगी.
प्रमुख वैज्ञानिक और वन्यजीव केंद्र, आईवीआरआई के प्रभारी अनिल कुमार शर्मा के अनुसार, अब तक वैज्ञानिकों ने 25 वन्यजीवों के 140 नमूनों को एकत्र कर लिया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 के अंत तक इस बैंक के पूर्ण रूप से कार्य करने की संभावना है.
पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान को बाघ, शेर, हाथी, गैंडा, हिरण और तेंदुए जैसे बड़े पशुओं के डीएनए का नमूना लेने में करीब एक वर्ष का समय लग गया. ये पशु अवैध शिकार के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं.
शर्मा ने आगे बताया कि, आज जब कभी शिकार की घटना होती है, तो पशु का नमूना तत्काल हैदराबाद केंद्र में भेज दिया जाता है, जो न केवल पूरी प्रक्रिया को महंगा बनाता है बल्कि हैदराबाद के संस्थान पर बहुत अधिक दबाव भी बना देता है. नया डीएनए बैंक उत्तर भारत की जरूरतों को पूरा करेगा.

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