बिहार विधानसभा में जीएसटी विधेयक पारित-(28-APR-2017) C.A

| Friday, April 28, 2017
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को बिहार विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया. जीएसटी विधेयक पारित करने हेतु 24 अप्रैल 2017 को बिहार विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया गया.
प्रमुख तथ्य-
  • वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को पारित करने से पूर्व जीएसटी विधेयक पर विस्तृत चर्चा की गयी.
  • जीएसटी विधेयक के पारित होने से वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी.
  • विधानसभा में कांग्रेस ने भी सकारात्मक भूमिका निभाई और विधेयक का समर्थन किया.
  • विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विधेयक के पारित होने की घोषणा की
  • जीएसटी विधेयक के पास होने के बाद बिहार कराधान विधि संशोधन विधेयक 2017 भी सर्वसम्मति से पारित हो गया.
  • जीएसटी विधेयक के लागू होने से कर व्‍यवस्‍था आसान होगी, जिससे आम लोगों को सीधा लाभ मिलेगा.
  • एक जुलाई को जीएसटी कानून लागू किए जाने के बाद बिहार को अतिरिक्‍त राजस्‍व का भी लाभ प्रदान किया जाएगा.
अन्य विधेयक पारित- 
इसके अतिरिक्त 24 अप्रैल 2017 को विधानसभा में बिहार कराधान विधि (संशोधन) विधेयक-2017, बिहार राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, पटना विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक और भू-अर्जन, पुनर्वास और पुन:व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार (संशोधन) विधेयक भी सर्वसम्मति से पारित किए गए.

बिहार के वाणिज्य कर और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के अनुसार जब देश को फायदा होगा तो बिहार को भी फायदा होगा. बिहार एक बड़ा राज्य है. इस कानून से देश के छोटे व्यापारियों और गांव के लोगों को भी लाभ होगा.

संसद केंद्र सरकार के चार विधेयकों- केंद्रीय जीएसटी, एकीकृत जीएसटी, राज्‍य क्षतिपूर्ति जीएसटी तथा केन्‍द्र शासित प्रदेश जीएसटी विधेयक को पूर्व में ही पारित कर चुकी है.

जीएसटी के लाभ-
  • जीएसटी लागू होने के बाद चुंगी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर के सेल्स टैक्स या वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैप ड्यूटी, टेलीकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, सामान के ट्रांसपोटेर्शन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे.
  • इस व्यवस्था में गुड्स और सर्विसेज की खरीद पर अदा किए गए जीएसटी को उनकी सप्लाई के वक्त दिए जाने वाले जीएसटी के मुकाबले एडजस्ट कर दिया जाता है.
  • जीएसटी के बारे में सबसे पहले मौजूदा राष्ट्रपति और तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2006-2007 के बजट में प्रस्ताव दिया था.
  • जीएसटी के लागू होने के बाद देश की ग्रोथ रेट में तुरंत एक से डेढ़ फीसदी का इजाफा होने की संभावना है.

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