17 फरवरी 2015 को म्यांमार के नेय पाई ताउ में
भारत-म्यांमार संयुक्त व्यापार समीति की 5वीं बैठक आयोजित
की गई.
भारत की वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) निर्मला सीतारमण ने म्यांमार के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री यू विन मिन्ट के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता की.
बैठक के दौरान दोनों देशों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को मजबूत बनाने के प्रति खासतौर पर दोनों तरफ से किए जाने वाले निवेश, बुनियादी ढांचागत विकास विशेषतौर पर व्यापक व्यापार, कनेक्टिविटी, कृषि, ऊर्जा, कौशल और उद्यमिता विकास, दवाएं और दोनों देशों की जनता के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता जताई.
बैठक की मुख्य बातें
•दोनों ही देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर सहमति जताई. ये बाधाएं हैं बेहतर कनेक्टिविटी की कमी, नियमित और व्यापक व्यापार दोनों ही के लिए बैंकिंग समझौतों की कमी.
•बाधाओं के संदर्भ में भारत ने म्यांमार को व्यापक व्यापार बिन्दुओं पर संरचनात्मक विकास, यांगून में व्यापार प्रशिक्षण संस्थानों के उन्नयन और विश्व व्यापार संगठन (WTO) और अंतरराष्ट्रीय व्यापर संबंधित मामलों पर म्यांमार के अधिकारियों को प्रशिक्षण मुहैया कराने में समर्थन देने की पेशकश की.
•द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत ने दोनों देशों के बीच रियायती प्रत्यक्ष शिपिंग लिंक को समर्थन देने का प्रस्ताव दिया.
•दोनों ही मंत्री मिजोरम के ज्वाखात्रा में दोनों ही देशों के लिए सुविधाजनक तारीख पर लैंड कस्टम स्टेशन का उद्घाटन करने पर सहमत हुए.
•दोनों ही पक्ष द्विपक्षीय व्यापार और आपसी सहयोग को मजबूत बनाने को सुनिश्चित करने के लिए बैठकों का आयोजन अधिक बार कराने पर भी सहमत हुए.
अगला संयुक्त व्यापार और निवेश मंच चेन्नई में आयोजित किया जाएगा. इसमें म्यांमार एक रोडशो का आयोजन करेगा जिसमें म्यांमार में निवेश खासतौर पर विशेष आर्थिक क्षेत्र में निवेश के अवसरों का प्रदर्शन किया जाएगा.
भारत की वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) निर्मला सीतारमण ने म्यांमार के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री यू विन मिन्ट के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता की.
बैठक के दौरान दोनों देशों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को मजबूत बनाने के प्रति खासतौर पर दोनों तरफ से किए जाने वाले निवेश, बुनियादी ढांचागत विकास विशेषतौर पर व्यापक व्यापार, कनेक्टिविटी, कृषि, ऊर्जा, कौशल और उद्यमिता विकास, दवाएं और दोनों देशों की जनता के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता जताई.
बैठक की मुख्य बातें
•दोनों ही देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर सहमति जताई. ये बाधाएं हैं बेहतर कनेक्टिविटी की कमी, नियमित और व्यापक व्यापार दोनों ही के लिए बैंकिंग समझौतों की कमी.
•बाधाओं के संदर्भ में भारत ने म्यांमार को व्यापक व्यापार बिन्दुओं पर संरचनात्मक विकास, यांगून में व्यापार प्रशिक्षण संस्थानों के उन्नयन और विश्व व्यापार संगठन (WTO) और अंतरराष्ट्रीय व्यापर संबंधित मामलों पर म्यांमार के अधिकारियों को प्रशिक्षण मुहैया कराने में समर्थन देने की पेशकश की.
•द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत ने दोनों देशों के बीच रियायती प्रत्यक्ष शिपिंग लिंक को समर्थन देने का प्रस्ताव दिया.
•दोनों ही मंत्री मिजोरम के ज्वाखात्रा में दोनों ही देशों के लिए सुविधाजनक तारीख पर लैंड कस्टम स्टेशन का उद्घाटन करने पर सहमत हुए.
•दोनों ही पक्ष द्विपक्षीय व्यापार और आपसी सहयोग को मजबूत बनाने को सुनिश्चित करने के लिए बैठकों का आयोजन अधिक बार कराने पर भी सहमत हुए.
अगला संयुक्त व्यापार और निवेश मंच चेन्नई में आयोजित किया जाएगा. इसमें म्यांमार एक रोडशो का आयोजन करेगा जिसमें म्यांमार में निवेश खासतौर पर विशेष आर्थिक क्षेत्र में निवेश के अवसरों का प्रदर्शन किया जाएगा.
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