प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों
की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 19 फरवरी 2015
को तीन राज्यों उत्तर प्रदेश (दो परियोजनाएं), ओडिशा और छत्तीसगढ़ में चार राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दी. इन
परियोजनाओं को बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) और डिजाइन, निर्माण,
वित्त, प्रचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी)) के
आधार के तहत मंजूरी दी गई.
सीसीईए की मंजूरी प्राप्त चार
राजमार्ग परियोजनाओं की सूची
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उत्तर प्रदेश के चकेरी -इलाहाबाद
खंड में छह लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग 2 परियोजना (कुल
लंबाई 145 किलोमीटर) – इस परियोजना में
भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और अन्य निर्माण गतिविधियों सहित 1999.85
करोड़ रुपए की लागत आएगी.
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उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय
राजमार्ग हंडिया-वाराणसी खंड की छह लेन की परियोजना (कुल लंबाई 72.4 किलोमीटर) - इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास
और अन्य निर्माण गतिविधियों सहित 2378.59 करोड़ रुपए की लागत
आएगी.
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ओडिशा में राष्ट्रीय राजमार्ग के
बालाशोर-चांदीखोले खंड की छह लेन की
परियोजना (कुल लंबाई 137 किलोमीटर) - इस परियोजना में भूमि
अधिग्रहण, पुनर्वास और अन्य निर्माण गतिविधियों सहित 2296.82
करोड़ रुपए की लागत आएगी.
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छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग
रायपुर-बिलासपुर खंड एनएच-30 / एनएच -130
की छह लेन परियोजना (कुल लंबाई 127 किलोमीटर)-
इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और अन्य निर्माण
पूर्व गतिविधियों की लागत सहित 1963.88 करोड़ रुपए की लागत
आएगी.
एनएच-30 / एनएच -130 के रायपुर-बिलासपुर खंड को छोड़कर सभी तीन राजमार्ग परियोजनाओं का काम राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) चरण-5 के तहत किया जाएगा. राष्ट्रीय राजमार्ग रायपुर-बिलासपुर खंड का काम एनएचडीपी के चतुर्थ चरण में किया जाएगा.
एनएच-30 / एनएच -130 के रायपुर-बिलासपुर खंड को छोड़कर सभी तीन राजमार्ग परियोजनाओं का काम राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) चरण-5 के तहत किया जाएगा. राष्ट्रीय राजमार्ग रायपुर-बिलासपुर खंड का काम एनएचडीपी के चतुर्थ चरण में किया जाएगा.
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