बिहार राज्य सरकार ने 18 फरवरी 2015
को गैर राजपत्रित सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया.
यह निर्णय मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की अध्यक्षता में
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक लिया गया. इसके अलावा मंत्रिमंडल ने 21 और निर्णय किए.
उनमें से कुछ शामिल हैं:
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वित्तीय वर्ष 2016 से विधायक विकास निधि को एक वर्ष में दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर तीन करोड़
रुपए किया.
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इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर के
पुलिसकर्मियों को 12 महीनों के स्थान पर 13 महीने का वेतन का भुगतान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
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होम गार्ड की दैनिक मजदूरी को 300 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए किया.
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स्कूलों में मिड डे मील योजना के
तहत रसोईयां को प्रति माह 1000 रुपए का
अतिरिक्त भुगतान करने हेतु केंद्र सरकार की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया.
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कृषि सलाहकारों को 6000 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 7000 रुपए प्रति माह का
भुगतान करने का निर्णय लिया.
कैबिनेट का यह निर्णय 18 फरवरी 2015
को पटना उच्च न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नीतिगत
फैसले लेने पर लगी रोक को हटाने के बाद आया. लेकिन उच्च न्यायालय ने नीतियों को 21
फरवरी 2015 के बाद लागू किए जाने का निर्देश
दिया है.
यह निर्णय 20 फरवरी 2015
को विश्वास मत साबित करने से एक दिन पहले किया गया. जीतन राम मांझी
को 20 फरवरी 2015 को बिहार विधानसभा
में बहुमत साबित करना है.
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