केंद्र सरकार ने 20 फरवरी 2015 को दूतावास सम्बन्धी शिकायतें दूर करने
के लिए ‘मदद’ नामक एक ऑनलाइन शिकायतों
की निगरानी प्रणाली का शुभारंभ किया.यह नई दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
द्वारा शुरू किया गया.
‘मदद’ भारतीय मिशनों, वाणिज्य दूतावास और दूतावास द्वारा भारतीय नागरिकों को दी जा रही सेवाओं पर ऑनलाइन दूतावास सम्बन्धी शिकायतों को दायर करने में मदद करना चाहता है.
‘मदद’ भारतीय मिशनों, वाणिज्य दूतावास और दूतावास द्वारा भारतीय नागरिकों को दी जा रही सेवाओं पर ऑनलाइन दूतावास सम्बन्धी शिकायतों को दायर करने में मदद करना चाहता है.
‘मदद’
के लिए बनाए गए चिन्ह में अंग्रेजी अक्षर एम के दोनों तरफ दो
व्यक्ति बने हैं और उसके नीचे मदद लिखा है.
मदद की विशेषताएं
• मदद विदेश मंत्रालय और प्रवासी भारतीयों के मंत्रालय का एक संयुक्त प्रयास है और यह कोई सामान्य हेल्पलाइन नहीं है.
• इसमें शिकायत कर्ता प्रत्यक्ष रूप से शिकायत का पंजीकरण करा सकता है और निराकरण होने तक उसकी शिकायत की निगरानी की जाएगी.
• पोर्टल में यह सुनिश्चित किया गया है कि पंजीकृत शिकायतों का पूरा इतिहास ऑनलाइन बनाए रखा जाए.
• पोर्टल इस तरह से बनाया गया है कि इसमें एक तरह की शिकायतों को एक साथ संभाला जा सकेगा.साथ ही शिकायत में पासपोर्ट नंबर के प्रयोग से शिकायतों के दोहराव को रोका जा सकेगा.
• इससे प्रवासी भारतीयों की शिकायतों के निपटान में आसानी होगी तथा निपटान होने तक शिकयतों पर निगरानी भी बनाई जा सकेगी.
• शिकायतों को निगरानी करने के लिए पोर्टल में कलर कोड सिस्टम का प्रयोग किया गया है. जिसमे हरे रंग का मतलब मामले का निपटान हो चूका है और लाल रंग का मतलब मामला अभी लंबित है, होगा.
• विदेश मंत्रालय ने पायलट परियोजना के आधार पर इसे शुरू किया है. इसमें मलेशिया के साथ खाड़ी सहयोग परिषद(जीसीसी) के छह देशों संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, ओमान, कतर, कुवैत और बहरीन को शामिल किया गया है.
मदद की विशेषताएं
• मदद विदेश मंत्रालय और प्रवासी भारतीयों के मंत्रालय का एक संयुक्त प्रयास है और यह कोई सामान्य हेल्पलाइन नहीं है.
• इसमें शिकायत कर्ता प्रत्यक्ष रूप से शिकायत का पंजीकरण करा सकता है और निराकरण होने तक उसकी शिकायत की निगरानी की जाएगी.
• पोर्टल में यह सुनिश्चित किया गया है कि पंजीकृत शिकायतों का पूरा इतिहास ऑनलाइन बनाए रखा जाए.
• पोर्टल इस तरह से बनाया गया है कि इसमें एक तरह की शिकायतों को एक साथ संभाला जा सकेगा.साथ ही शिकायत में पासपोर्ट नंबर के प्रयोग से शिकायतों के दोहराव को रोका जा सकेगा.
• इससे प्रवासी भारतीयों की शिकायतों के निपटान में आसानी होगी तथा निपटान होने तक शिकयतों पर निगरानी भी बनाई जा सकेगी.
• शिकायतों को निगरानी करने के लिए पोर्टल में कलर कोड सिस्टम का प्रयोग किया गया है. जिसमे हरे रंग का मतलब मामले का निपटान हो चूका है और लाल रंग का मतलब मामला अभी लंबित है, होगा.
• विदेश मंत्रालय ने पायलट परियोजना के आधार पर इसे शुरू किया है. इसमें मलेशिया के साथ खाड़ी सहयोग परिषद(जीसीसी) के छह देशों संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, ओमान, कतर, कुवैत और बहरीन को शामिल किया गया है.
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