झारखंड सरकार ने राजकीय
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya,
KGBV) के कक्षा 9,10,11 और 12 में पढ़ रही सभी छात्राओं को टेबलेट देने की घोषणा 5 फरवरी
2015 को की. यह घोषणा झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी
स्टेडियम के दो दिवसीय बाल संगम त्यौहार के दौरान की गई.
राज्य का यह अपने तरह का
पहला त्यौहार है. इसमें सरकारी स्कूलों के लगभग पचास लाख छात्रों ने भाग लिया. इस
त्यौहार में, विभिन्न श्रेणियों में प्रतियोगिताएं
आयोजित की गई.
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय
केंद्र सरकार द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना को अगस्त 2004 में लागू किया गया था.
केंद्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान को बढ़ावा देनें के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना के निर्देशन में देशभर में 1180 से अधिक आवासीय स्कूल स्थापित किए. इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदायों और शैक्षिक रूप से पिछड़े गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों से संबंधित लड़कियों को प्राथमिक स्तर पर आवासीय स्कूलों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना है.
इन विद्यालयों में कम से कम 75% सीटें अनुसूचित जाति व जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्गो की बालिकाओं के लिए आरक्षित होंगी जबकि शेष 25% गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं के लिए आरक्षित होंगी.
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय
केंद्र सरकार द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना को अगस्त 2004 में लागू किया गया था.
केंद्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान को बढ़ावा देनें के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना के निर्देशन में देशभर में 1180 से अधिक आवासीय स्कूल स्थापित किए. इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदायों और शैक्षिक रूप से पिछड़े गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों से संबंधित लड़कियों को प्राथमिक स्तर पर आवासीय स्कूलों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना है.
इन विद्यालयों में कम से कम 75% सीटें अनुसूचित जाति व जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्गो की बालिकाओं के लिए आरक्षित होंगी जबकि शेष 25% गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं के लिए आरक्षित होंगी.
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