‘कालिक्कुन्ना
कुट्टिकलकायी भारतम कातिरिक्कुन्नु’ नाटक में भागीदारी के कारण
31 जनवरी से 14 फरवरी 2015 तक आयोजित 35वें राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर ‘अम्मू’- ग्रेट हार्नबिल का नाम लिम्का बुक ऑफ
रिकार्डस में दर्ज किया गया. इसकी जानकारी 11 फरवरी 2015
को प्रकाशित की गई.
लिम्का बुक के 2015 विशेष साहित्य
संस्करण के अनुसार यह नाटक ऐसे शुभंकर के बारे में है जिसका मंचन सबसे अधिक
स्कूलों में किया गया. ‘अम्मू’ की
भागीदारी वाले इस नाटक का मंचन 9 अप्रैल 2014 तक केरल के सात जिलों के 147 स्कूलों में किया गया.
‘कालिक्कुन्ना कुट्टिकलकायी भारतम कातिरिक्कुन्नु’ की पटकथा थिएटर कलाकार अनिल करेती द्वारा लिखित और निर्देशित है. इसका मंचन पुलिस अधिकारियों की एक टीम द्वारा किया जाता है. इसका उद्देश्य बच्चों के बीच खेल को बढ़ावा देना और शिक्षाविदों के साथ खेल शुरू करने के लिए उन्हें राजी करना है.
शुभंकर ‘अम्मू’ से संबंधित तथ्य
• ‘अम्मू’-द ग्रेट हार्नबिल केरल में आयोजित 35वें राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर है जिसका डिजाइन राकेश ने किया.
• ग्रेट हार्नबिल केरल का राज्य पक्षी है जिसे 35वें राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर चुना गया.
• ग्रेट हार्नबिल प्रजाति के संरक्षण के लिए, जो विलुप्त होने के कगार पर है, राज्य की चिंता को प्रतिबिंबित करने हेतु इसको शुभंकर चुना गया.
• स्त्रीलिंग ‘अम्मू’ केरल की महिलाओं के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में शुभंकर हेतु चुना गया और यह केरल के लिंगानुपात पर गर्व करने की भी याद दिलाता है.
• केरल भारत का एकमात्र राज्य है जहां स्त्रियों का अनुपात पुरुषों की तुलना में (लिंगानुपात) अधिक है.
‘कालिक्कुन्ना कुट्टिकलकायी भारतम कातिरिक्कुन्नु’ की पटकथा थिएटर कलाकार अनिल करेती द्वारा लिखित और निर्देशित है. इसका मंचन पुलिस अधिकारियों की एक टीम द्वारा किया जाता है. इसका उद्देश्य बच्चों के बीच खेल को बढ़ावा देना और शिक्षाविदों के साथ खेल शुरू करने के लिए उन्हें राजी करना है.
शुभंकर ‘अम्मू’ से संबंधित तथ्य
• ‘अम्मू’-द ग्रेट हार्नबिल केरल में आयोजित 35वें राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर है जिसका डिजाइन राकेश ने किया.
• ग्रेट हार्नबिल केरल का राज्य पक्षी है जिसे 35वें राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर चुना गया.
• ग्रेट हार्नबिल प्रजाति के संरक्षण के लिए, जो विलुप्त होने के कगार पर है, राज्य की चिंता को प्रतिबिंबित करने हेतु इसको शुभंकर चुना गया.
• स्त्रीलिंग ‘अम्मू’ केरल की महिलाओं के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में शुभंकर हेतु चुना गया और यह केरल के लिंगानुपात पर गर्व करने की भी याद दिलाता है.
• केरल भारत का एकमात्र राज्य है जहां स्त्रियों का अनुपात पुरुषों की तुलना में (लिंगानुपात) अधिक है.
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