शोधकर्ताओं ने पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज के लिए सौर टेलिस्कोप को लेजर फ्रीक्वेंसी कॉम्ब के साथ जोड़ा-(21-FEB-2015) C.A

| Saturday, February 21, 2015
जर्मनी के शोधकर्ताओं ने कैनरी द्वीप के टेनेरीफ में सूर्य की रोशनी का लेजर फ्रीक्वेंसी कॉम्ब (एलएफसी) के साथ सौर वैक्यूम टावर टेलिस्कोप में सफलतापूर्वक संयोजन करने में सफलता हासिल की. अब दूर अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज सटीकता और आसानी से कर पाना संभव हो सकेगा.

यह खोज न्यू जरनल ऑफ फिजिक्स में 17 फरवरी 2015 को प्रकाशित हुआ था. इस अध्ययन का नेतृत्व जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ क्वांटम ऑप्टिक्स के डॉक्टोरल उम्मीद्वार राफेल प्रोब्स्ट कर रहे थे.
 
सूदूर अंतरिक्ष में सटीकता के साथ पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज के क्रम में शोधकर्ताओं ने पहले कैनरी द्वीप के टेनेरीफ में सूर्य की रोशनी का लेजर फ्रीक्वेंसी कॉम्ब (एलएफसी) के साथ सौर वैक्यूम टावर टेलिस्कोप में सफलतापूर्वक संयोजन किया. 

उसके बाद उन्होंने एक ऑप्टिकल मल्टीप्लेक्सर के जरिए दो रौशनियों का संयोजन एक एकलमोड फाइबर (सिंगल मोड फाइबरएसएमएफ) में किया. 

इस पर उन्होंने पाया कि अस्थायी फाइबर संचरण के मुकाबले सटीकता में 100 के गुणक में सुधार हुआ है. 

इस महत्वपूर्ण तकनीक में हुआ यह विकास दूर कैसर की समीक्षा के जरिए त्वरक ब्रह्मांड के माप के विश्लेषण में सक्षम बनाएगा.
 
इसके अलावा शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि एलएफसी उन्हें डॉप्लर शिफ्ट को भी अधिक सटीकता से मापने में मदद करेगा और इसलिए पृथ्वी जैसे रहने योग्य ग्रहों के मिलने की संभावना बढ़ जाएगी.
 
लेजर फ्रीक्वेंसी कॉम्ब (एलएफसी) क्या है? 
लेजर फ्रीक्वेंसी कॉम्ब (एलएफसी) की कल्पना करीब एक दशक पहले आण्विक हाइड्रोजन के सटीक स्पेक्ट्रोस्कोपी उपकरण के तौर पर की गई थी. 
यह एक लेजर के द्वारा बनाया जाता है जो सतत रोशनी उत्सर्जित करता है, जिसमें असंख्य रंग होते हैं और अक्सर वह पूरे दृश्य स्पेक्ट्रम में फैला होता है. 
जब अलगअलग रंग उनके व्यक्तिगत फ्रीक्वेंसियों के आधार पर अलगअलग होते हैं, वे व्यक्तिगत फ्रीक्वेंसी दर्शाते हुए बहुत बारीक रेखाओं के साथ एक कॉम्ब जैसा ग्राफ बनाते हैं. 
इस कॉम्ब का इस्तेमाल लेजर, अणु या सितारों जैसे स्रोतों की रोशनी की फ्रीक्वेंसी को सटीकता से मापने वाले पैमाने के तौर पर किया जा सकता है.

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