केंद्रीय स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमिमुक्त दिवस घोषित किया
है.
राष्ट्रीय कृमिमुक्त दिवस व्यापक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे जैसे परजीवी कृमि संक्रमण के खतरों को कम करने की दिशा में किया गया एक पहल है. इससे सिर्फ भारत में 24 करोड़ से अधिक बच्चे प्रभावित है.
इसके अलावा नड्डा ने 9 फरवरी 2015 को राष्ट्रीय कृमिमुक्त पहल की शुरुआत की. पहल का उद्देश्य 1 से 19 वर्ष के बीच सभी प्री स्कूल और स्कूल जाने वाले बच्चों ( दाखिला ले चुके या जिन्होंने दाखिला नहीं लिया है वे भी) को पेट के कीड़े से बचाना है.
बड़े पैमाने पर स्कूल– आधारित इस कृमिमुक्त पहल के तहत लक्षित बच्चों को एलबेंडाजोल की गोलियां ( 1 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली और 2 से 19 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली ) दी जाएंगी.
कृमिमुक्त पहल दो चरणों में पूरा किया जाएगा, वे चरण हैं
•पहला चरणः 10 फरवरी 2015 को शुरु होगा और यह असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दादर और नागर हवेली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और त्रिपुरा के ग्यारह राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 14 करोड़ बच्चों को कवर करेगा.
•दूसरा चरणः 11 फरवरी और 14 फरवरी 2015 के बीच चलेगा और इस अवधि में बाकी के बचे 10 करोड़ बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में दवाएं दी जाएंगी. इसमें पांच वर्ष तक के बच्चों को लक्षित किया जाएगा. 6 से 19 वर्ष के बच्चों को दवाएं सभी सरकारी स्कूलों में मुहैया कराई जाएंगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमान के अनुसार भारत में 1 से 14 वर्ष के आयु समूह के बच्चों में आंत में परजीवी कृमि संक्रमण का खतरा होता है.
राष्ट्रीय कृमिमुक्त दिवस व्यापक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे जैसे परजीवी कृमि संक्रमण के खतरों को कम करने की दिशा में किया गया एक पहल है. इससे सिर्फ भारत में 24 करोड़ से अधिक बच्चे प्रभावित है.
इसके अलावा नड्डा ने 9 फरवरी 2015 को राष्ट्रीय कृमिमुक्त पहल की शुरुआत की. पहल का उद्देश्य 1 से 19 वर्ष के बीच सभी प्री स्कूल और स्कूल जाने वाले बच्चों ( दाखिला ले चुके या जिन्होंने दाखिला नहीं लिया है वे भी) को पेट के कीड़े से बचाना है.
बड़े पैमाने पर स्कूल– आधारित इस कृमिमुक्त पहल के तहत लक्षित बच्चों को एलबेंडाजोल की गोलियां ( 1 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली और 2 से 19 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली ) दी जाएंगी.
कृमिमुक्त पहल दो चरणों में पूरा किया जाएगा, वे चरण हैं
•पहला चरणः 10 फरवरी 2015 को शुरु होगा और यह असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दादर और नागर हवेली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और त्रिपुरा के ग्यारह राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 14 करोड़ बच्चों को कवर करेगा.
•दूसरा चरणः 11 फरवरी और 14 फरवरी 2015 के बीच चलेगा और इस अवधि में बाकी के बचे 10 करोड़ बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में दवाएं दी जाएंगी. इसमें पांच वर्ष तक के बच्चों को लक्षित किया जाएगा. 6 से 19 वर्ष के बच्चों को दवाएं सभी सरकारी स्कूलों में मुहैया कराई जाएंगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमान के अनुसार भारत में 1 से 14 वर्ष के आयु समूह के बच्चों में आंत में परजीवी कृमि संक्रमण का खतरा होता है.
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