भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने घरेलू टेलिकॉम टैरिफ से संबंधित नियमन जारी किया-(25-FEB-2015) C.A

| Wednesday, February 25, 2015

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने घरेलू टेलिकॉम टैरिफ से संबंधित नियमन 24 फरवरी 2015 को जारी किया. इसके तहत ट्राई ने फिक्स्ड लाइन फोन कनेक्शंस को बढ़ावा देने के लिए इंटरकनेक्शन चार्ज को समाप्त करने की घोषणा की.
ट्राई द्वारा टेलिकॉम टैरिफ से संबंधित नियमन से जुड़े मुख्य तथ्य
•   ट्राई ने देश में फिक्स्ड लाइन फोन कनेक्शंस को बढ़ावा देने के लिए उन चार्जेज को हटा दिया जो एक लैंडलाइन सर्विस देने वाली कंपनी को अपने ग्राहक की फोन कॉल ट्रांसमिट (एक जगह से दूसरी जगह भेजने) करने के लिए दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स को देने होते हैं.
•    नए नियमन के तहत लैंडलाइन से लैंडलाइन या लैंडलाइन से मोबाइल फोन पर कॉल करने के लिए इंटरकनेक्शन चार्ज नहीं लगेगा, जो कि पहले 20 पैसे होता था.
•    ट्राई ने मोबाइल फोन के जरिए की जाने वाली कॉल्स पर नेटवर्क इंटरकनेक्शन यूजेज चार्ज (आईयूसी) को करीब 30 प्रतिशत घटाकर 20 पैसे से 14 पैसे कर दिया.
विदित हो कि मोबाइल फोन पर इनकमिंग कॉल्स मुफ्त किए जाने के बाद से देश में लैंडलाइन कनेक्शंस में तेज गिरावट आई है. वर्ष 2014 के आखिर में जहां मोबाइल सब्सक्राइबर्स की संख्या अपने अब तक के उच्चतम स्तर 94.39 करोड़ पर पहुंच गई थी, वहीं, लैंडलाइन कनेक्शंस सिर्फ 2.7 करोड़ ही रह गए थे. लैंडलाइन कनेक्शंस के मामले में सरकारी कंपनी बीएसएनएल का दबदबा है और उसकी इसमें बाजार हिस्सेदारी 62.71 फीसदी है. वहीं, एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी 13.04 फीसदी, भारती एयरटेल की हिस्सेदारी 12.55 फीसदी, टाटा टेलिसर्विसेज की 5.98 फीसदी और रिलायंस कम्यूनिकेशंस की 4.39 फीसदी है. 
प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियां मुख्यतौर पर ब्रॉडबैंड कनेक्शन मुहैया कराने के लिए लैंडलाइन का इस्तेमाल करती हैं. मोबाइल सेगमेंट में भारती एयरटेल का 23.01 फीसदी हिस्सेदारी के साथ मार्केट पर दबदबा है. वहीं, वोडाफोन के पास 18.93 फीसदी, आइडिया सेलुलर के पास 15.95 फीसदी, रिलायंस कम्यूनिकेशंस के पास 11.26 फीसदी, बीएसएनएल के पास 8.62 फीसदी, एयरसेल के पास 8.33, टाटा टेलिसर्विसेज के पास 7.01 और यूनिनॉर के पास 4.62 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है.

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