प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को कृषि
कर्मण पुरस्कार 2013-14 प्रदान किए. ये पुरस्कार राजस्थान
के सूरतगढ़ में देशव्यापी मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के शुभारंभ के दौरान 19
फरवरी 2015 को दिए गए.
प्रधानमंत्री ने पंजाब, ओडीशा,
मेघालय, छत्तीसगढ़, मध्य
प्रदेश, असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात के मुख्यमंत्रियों और प्रगतिशील किसानों के
नेतृत्व में राज्य सरकार के अधिकारियों को कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किए.
अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक के कृषि मंत्रियों के नेतृत्व में राज्य सरकार के अधिकारियों को प्रशस्ति पुरस्कार भी दिए गए.
कृषि कर्मण पुरस्कार
• कृषि कर्मण पुरस्कार की शुरुआत खाद्यान्न उत्पादन में राज्यों के मेधावी प्रयासों को मान्यता प्रदान करने हेतु 2010– 11 में की गई थी.
• यह पुरस्कार दो व्यापक सेटों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को दिया जाता है. पहला कुल खाद्यान्न उत्पादन और दूसरा चावल, गेहूं, दालें औऱ मोटे अनाज वाले व्यक्तिगत खाद्यान्न फसलों के लिए.
• पुरस्कार जीतने वाले हर राज्य को एक ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र और 2 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है. चावल, गेहूं, दालें औऱ मोटे अनाज वाले व्यक्तिगत खाद्यान्न फसलों के लिए पुरस्कार जीतने वाले राज्यों को ट्रॉफी, एक प्रशस्ति पत्र और 1 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार मिलता है.
• प्रशस्ति पुरस्कार उन राज्यों को दिया जाता है जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में अपने उच्चतम उत्पादन की तुलना में अधिक उत्पादन किया हो. हर राज्य के लिए इस पुरस्कार की राशि 25 लाख रुपये है.
अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक के कृषि मंत्रियों के नेतृत्व में राज्य सरकार के अधिकारियों को प्रशस्ति पुरस्कार भी दिए गए.
कृषि कर्मण पुरस्कार
• कृषि कर्मण पुरस्कार की शुरुआत खाद्यान्न उत्पादन में राज्यों के मेधावी प्रयासों को मान्यता प्रदान करने हेतु 2010– 11 में की गई थी.
• यह पुरस्कार दो व्यापक सेटों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को दिया जाता है. पहला कुल खाद्यान्न उत्पादन और दूसरा चावल, गेहूं, दालें औऱ मोटे अनाज वाले व्यक्तिगत खाद्यान्न फसलों के लिए.
• पुरस्कार जीतने वाले हर राज्य को एक ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र और 2 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है. चावल, गेहूं, दालें औऱ मोटे अनाज वाले व्यक्तिगत खाद्यान्न फसलों के लिए पुरस्कार जीतने वाले राज्यों को ट्रॉफी, एक प्रशस्ति पत्र और 1 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार मिलता है.
• प्रशस्ति पुरस्कार उन राज्यों को दिया जाता है जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में अपने उच्चतम उत्पादन की तुलना में अधिक उत्पादन किया हो. हर राज्य के लिए इस पुरस्कार की राशि 25 लाख रुपये है.
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