नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप
ने वृहस्पति के तीन सबसे बड़े चांद यूरोपा, कैलिस्टो
और लो के गैस के इस विशाल ग्रह की झुके हुए अक्ष पर दौड़ लगाते हुए दुर्लभ घटना की
तस्वीरें ली हैं. यह एक दुर्लभ घटना है जो एक दशक में एक या दो बार ही होती है.
नासा ने यह जानकारी 5 फरवरी 2015
को दी.
कैमरा द्वारा ली गई चांदों की तस्वीरों में विशेष रंग नजर आ रहे हैं.
कैलिस्टो की प्राचीन क्रेटर की सतह का रंग भूरा होता है; यूरोपा की चिकनी बर्फीली सतह पीली– सफेद और लो की
ज्वालामुखी, सल्फर– डाईऑक्साइड की सतह
नारंगी रंग की होती है.
हबल की ये तस्वीरें 24 जनवरी 2015
को हबल की वाइड फील्ड कैमरा 3 ने खींचीं थीं.
ये तथाकथित तीन गैलीलियन चांद्र वृहस्पति का एक चक्कर 2 से 17 दिनों में पूरा कर लेते हैं. इनका नाम 17वीं सदी के वैज्ञानिक गैलीलियो गैलीली के नाम पर रखा गया था जिन्होंने
टेलिस्कोप के सहारे चार बड़े चांद – लो, यूरोपा, गेनीमेड और कैलिस्टो की खोज की थी. वृहस्पति
के पास 60 से अधिक चांद्रमा हैं.
हबल स्पेस टेलिस्कोप के बारे में
हबल स्पेस टेलिस्कोप नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बीच
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की एक परियोजना है. इस टेलिस्कोप का रखरखाव नासा के मारिलैंड
के ग्रीनबेल्ट स्थित गोड्डार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर करता है जबकि हबल विज्ञान का
संचालन स्पेस टेलिस्कोप विज्ञान संस्थान ( STScI) बाल्टिमोर
करता है.
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