भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम और सतह से सतह पर मार करने
वाले अपने स्वदेशी प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी-2 मिसाइल
का ओडिशा के बालेश्वर में चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आइटीआर) के मोबाइल
लांचर से 19 फरवरी 2015 को सफल
प्रायोगिक परीक्षण किया.
भारतीय सेना की
स्ट्रेटेजिक फोर्स कमाण्ड ने एकीकृत परीक्षण रेंज (आइटीआर) से यह परीक्षण किया.
प्रक्षेपण गतिवधियों की पूरी निगरानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के
वैज्ञानिकों ने की.
पृथ्वी-2 एकीकृत निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास
कार्यक्रम (आइजीएमपीडी) के तहत डीआरडीओ द्वारा विकसित पहली बैलेस्टिक मिसाइल है,
जिसे वर्ष 2003 में सामरिक बल कमान (एसएफसी)
में शामिल किया गया.
पृथ्वी-2 प्रक्षेपास्त्र 500 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक परमाणु और परंपरागत दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम
है. पृथ्वी-2 की मारक क्षमता 350 किलोमीटर
है. इसमें संचालक शक्ति देने के लिए इसमें दो तरल प्रणोदन इंजन लगे हैं.
इससे पहले पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण नवंबर 2014 में ओडिशा के बालेश्वर
में चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया था.
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