एक नए अध्ययन से यह पता
चला है कि पृथ्वी के भीतरी परत में पृथ्वी की खुद की एक और भीतरी परत है जिसमें कई
चौंकाने वाले पदार्थ हैं जो पृथ्वी के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते है.
इक्वेटोरियल एनीस्ट्रोफी इन द इनर पार्ट ऑफ अर्थ्स इनर कोर फ्रॉम ऑटोकोरिलेशन ऑफ अर्थक्वेक कोडा शीर्षक से अध्ययन नेचर जीयोसाइंस नाम के जरनल में 9 फरवरी 2015 को प्रकाशित हुआ था.
इस अध्ययन को यूनिवर्सिटी ऑफ इल्लीनोइस के जीयाओडॉन्ग सांग के नेतृत्व वाली टीम और चीन के नानजिंग यूनिवर्सिटी के सहयोगियों ने अर्थक्वेक– रीडिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर किया था.
अध्ययन प्रक्रिया
शोधकर्ताओं ने ग्रह के सतह को स्कैन करने के लिए भूकंपों के भूकंपीय तरंगों का प्रयोग किया. टीम ने उस तकनीक का प्रयोग किया जो भूकंप के आरंभिक झटकों से आंकड़ा इक्ट्ठा नहीं करता बल्कि भूकंप के बाद उठने वाले भूकंपीय तरंगों के जरिए आंकड़े इक्ट्ठा करता है.
पृथ्वी के आंतरिक हिस्से की तस्वीर बनाने के लिए भूकंपीय तरंगों की गूंज भूकंप के बाद ग्रह के चारो ओर टकराती है.
वेनेजुएला और दक्षिणपूर्व चीन समेत दुनिया के कई स्थानों पर लगे सेंसर सारणियों ने वैज्ञानिकों को इन तरंगों द्वारा ग्रह की यात्रा करने में लगने वाले समय में होने वाली देरी को मापने की अनुमति दी.
अध्ययन के निष्कर्ष
•वैज्ञानिकों ने खोजा कि भूकंपीय तरंगें जो ग्रह के केंद्र से होकर गुजरती हैं वे कोर के बाकी हिस्सों से होकर गुजरने वाली तरंगों की तुलना में बहुत अलग तरह से व्यवधान डालती हैं.
•कोर के माध्यम से देखने पर पृथ्वी के केंद्र में आश्चर्य का पता चला. पहले माना जाता था कि आंतरिक कोर लोहे के ठोस गोले जैसा है.
•टीम ने एक अलग आंतरिक कोर पाया जो पूरे आंतरिक कोर के व्यास का आधा है.
•आंतरिक कोर के बाहरी परत में मौजूद लोहे के क्रिस्टल उत्तर– दक्षिण दिशा की तरफ हैं. आंतरिक कोर, लोहे के क्रिस्टल पूर्व– पश्चिम की तरफ इशारा करते हैं.
•आंतरिक– आंतरिक कोर के लोहे के क्रिस्टल ही सिर्फ अलग तरह से नहीं संरेखित हैं, बल्कि वे बाहरी आंतरिक कोर के अपने समकक्षों की तुलना में अलग तरह से व्यवहार भी कर रहे हैं.
इक्वेटोरियल एनीस्ट्रोफी इन द इनर पार्ट ऑफ अर्थ्स इनर कोर फ्रॉम ऑटोकोरिलेशन ऑफ अर्थक्वेक कोडा शीर्षक से अध्ययन नेचर जीयोसाइंस नाम के जरनल में 9 फरवरी 2015 को प्रकाशित हुआ था.
इस अध्ययन को यूनिवर्सिटी ऑफ इल्लीनोइस के जीयाओडॉन्ग सांग के नेतृत्व वाली टीम और चीन के नानजिंग यूनिवर्सिटी के सहयोगियों ने अर्थक्वेक– रीडिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर किया था.
अध्ययन प्रक्रिया
शोधकर्ताओं ने ग्रह के सतह को स्कैन करने के लिए भूकंपों के भूकंपीय तरंगों का प्रयोग किया. टीम ने उस तकनीक का प्रयोग किया जो भूकंप के आरंभिक झटकों से आंकड़ा इक्ट्ठा नहीं करता बल्कि भूकंप के बाद उठने वाले भूकंपीय तरंगों के जरिए आंकड़े इक्ट्ठा करता है.
पृथ्वी के आंतरिक हिस्से की तस्वीर बनाने के लिए भूकंपीय तरंगों की गूंज भूकंप के बाद ग्रह के चारो ओर टकराती है.
वेनेजुएला और दक्षिणपूर्व चीन समेत दुनिया के कई स्थानों पर लगे सेंसर सारणियों ने वैज्ञानिकों को इन तरंगों द्वारा ग्रह की यात्रा करने में लगने वाले समय में होने वाली देरी को मापने की अनुमति दी.
अध्ययन के निष्कर्ष
•वैज्ञानिकों ने खोजा कि भूकंपीय तरंगें जो ग्रह के केंद्र से होकर गुजरती हैं वे कोर के बाकी हिस्सों से होकर गुजरने वाली तरंगों की तुलना में बहुत अलग तरह से व्यवधान डालती हैं.
•कोर के माध्यम से देखने पर पृथ्वी के केंद्र में आश्चर्य का पता चला. पहले माना जाता था कि आंतरिक कोर लोहे के ठोस गोले जैसा है.
•टीम ने एक अलग आंतरिक कोर पाया जो पूरे आंतरिक कोर के व्यास का आधा है.
•आंतरिक कोर के बाहरी परत में मौजूद लोहे के क्रिस्टल उत्तर– दक्षिण दिशा की तरफ हैं. आंतरिक कोर, लोहे के क्रिस्टल पूर्व– पश्चिम की तरफ इशारा करते हैं.
•आंतरिक– आंतरिक कोर के लोहे के क्रिस्टल ही सिर्फ अलग तरह से नहीं संरेखित हैं, बल्कि वे बाहरी आंतरिक कोर के अपने समकक्षों की तुलना में अलग तरह से व्यवहार भी कर रहे हैं.
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