यूनाइटेड किंगडम की ‘यार्क
यूनिवसिटी’ के वैज्ञानिकों ने ‘फेसलॉक’
के नाम से पासवर्ड का एक विकल्प विकसित किया है. फेसलॉक फेशियल ‘रिकग्निशन’ की अवधारणा पर अधारित है. यह शोध ओपेन-
एक्सेस जर्नल ‘पियर जे’ में प्रकाशित
हुआ है.
फेसलॉक का निर्माण जाने पहचाने चेहरों की मनोवैज्ञानिक
परख पर आधारित है. जब कोई व्यक्ति अपने सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए लॉग इन
करता है, चेहरों की एक सूची बन जाती है और व्यक्ति
सबसे परिचित चेहरे को चुन सकता है.
यह उपयोगकर्ता के लिए आसान होगा, परंतु हैकिंग करने वालों के लिए मुश्किल होगा.
एक वर्ष के बाद भी उपयोगकर्ता के लिए परिचित चेहरों को
याद करना आसान होगा, जबकि अनुपयोगी पासवर्डस को हम भूल जाते
हैं. फेसलॉक सिक्योरिटी सिस्टम कई चेहरों का एक पूल बनाकर उनमें से एक को चुनने की
सुविधा देता है.
हाल ही में, ‘पासफेस’
नाम का एक सिक्योरिटी सिस्टम बनाया गया था, जो
उपयोगकर्ता को प्रमाणित करने की सुविधा देता था. यद्यपि यह सिस्टम ‘शोल्डर सर्फिंग अटैक्स’ में निष्प्रभावी था. जिस
कारण धोखाधड़ी करने वाले लोग आसानी से किसी के भी सिस्टम को हैक कर लेते थे.
इस डर से बचने के लिए ही फेसलॉक में विभिन्न परिचित
चेहरों का इस्तेमाल किया गया है. जिन्हें याद रखना आसान है, लेकिन अजनबी उन्हें नही पहचान सकते हैं.
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