आरबीआई ने भुगतान बैंकों एवं छोटे बैंकों के लाइसेंस के लिए दिशा-निर्देश मसौदा जारी किया-(23-JULY-2014) C.A

| Wednesday, July 23, 2014
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 17 जुलाई 2014 को पेमेंट्स बैंकों और छोटे बैंकों के लाइसेंस के लिए दिशा-निर्देश का मसौदा जारी किया. ये बैंक वित्तीय समावेशन के आम उद्देश्य से बनाए जाएंगें जो कम लागत वाली तकनीकी समाधान को अपनाएंगी.
आरबीआई द्वारा दिशा-निर्देश का मसौदा
•    छोटे बैंक बैंकिंग के सभी बुनियादी उत्पाद जैसे जमा और ऋण की आपूर्ति आदि मुहैया कराएंगे लेकिन सिमित दायरे में.
•    पेमेंट्स बैंक सिमित उत्पादों  जैसे मांग जमाओं की स्वीकृति औ धन का प्रेषण लेकिन इसका नेटवर्क व्यापक होगा खासकर सूदूर इलाकों में चाहे वह उनका खुद की शाखा का नेटवर्क हो या व्यापार प्रतिनिधि (बीसी) या दूसरों द्वारा मुहैया कराए गए नेटवर्क .
•    पेमेंट बैंक की स्थापना के लिए पात्र इकाईयों में गैरबैंक प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट इशुअर (पीपीआई), गैरबैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी), कॉरपोरेट बीसी, मोबाइल टेलिफोन कंपनियां, सुपर मार्केट श्रृंखला, कंपनियां, रीयल सेक्टर की सहकारी समितियां, और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयां शामिल हैं.
•    छोटे बैंक की स्थापना के लिए पात्र इकाईयों में शामिल है बैंकिंग और वित्त में दस वर्ष के अनुभव वाले निवासी, कंपनियां एवं सोसायटियां, एनबीएफसी, माइक्रो फाइनैंस संस्थान और स्थानीय इलाके के बैंक .
•    योग्य इकाईयों को फिट और पेमेंट बैंकों एवं छोटे बैंकों को प्रोत्साहित करने के योग्य होना चाहिए.
•    आऱबीआई आवेदकों की साख और अखंडता, वित्तीय सुदृढ़ता और पिछले पांच वर्षों से अपने व्यापार को चलाने का सफल रिकॉर्ड के आधार पर फिट और उचित रिकॉर्ड का आकलन करेगी.
•    पेमेंट्स बैंक और छोटे बैंक दोनों ही के लिए न्यूनतम पूंजी की सीमा 100 करोड़ रुपये रखी गई है जिसमें से प्रमोटरों की न्यूनतम प्रारंभिक योगदान का 40 फीसदी आगामी पांच वर्ष के लिए लॉक कर दिया जाएगा.
•    बैंक का कारोबार शुरु होने की तारीख से प्रमोटरों की शेयरहोल्डिंग तीन साल के भीतर 40 पीसदी, 10 साल के भीतर 30 फीसदी और 12 साल के भीतर 26 फीसदी तक नीचे ले आनी चाहिए.
छोटे बैंकों और पेमेंट बैंकों की स्थापना का उद्देश्य
•     ये बैंक किसानों और व्यापारियों को छोटऋण और बुनियादी बैंकिंग उत्पाद जैसे जमा और ऋण आपूर्ति की सुविधा देंगें.
•    यह समाज के कमजोर वर्ग के लोगों जिसमें प्रवासी मजदूर शामिल है को जमा इक्ट्ठा करने और उनकी धन संबंधी जरूरतों का ख्याल रखेगा.
•    यह मांग जमा की स्वीकृति और धन का प्रेषण की  सिमित रेंज की पेशकश करेगा.
अंतिम दिशानिर्देश सुझाव प्राप्त करने की प्रक्रिया के पूरा हो जाने के बाद किया जाएगा. आरबीआई  दिशानिर्देशों के मौसादा तैयार होने के बाद मिलने वाली प्रतिक्रिया के बाद पेमेंट और छोटे बैंकों की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रित करना शुरु कर दिगी.
पृष्ठभूमि
ये दिशानिर्देश फरवरी 2013में जारी निजी क्षेत्र के नए बैंकों के लाइसेंस प जारी दिशानिर्देश का फॉलोअप है. 2 अप्रैल 2014 को आरबीआई ने बंधन और आईडीएफसी लिमिटेड को 18 माह के भीतर निजी क्षेत्र में नए बैंकों की स्थापना करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.
बंधन और आईडीएफसी लिमिटेड को सैद्धांतिक मंजूरी देते समय आरबीआई ने नियमित रूस से लाइसेंस प्रदान करने के लिए अनुभव के आधार पर दिशानिर्देशों में संशोदन के संकेत भी दिए. इसके अलावा, आरबीआई ने विभेदित बैंक लाइसेंस के विभिन्न श्रेणियों पर नीति बनाने पर काम करने का भी संकेत दिया ताकि बैंकिंग क्षेत्र में निजी खिलाड़ियों का व्यापक पूल बन सके.  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय बजट 2014– 15, 10 जुलाई 2014 को पेश किया. इसमें उन्होंने 2014– 15 में निजी क्षेत्र में यूनिवर्सल बैंकों  की सतत प्राधिकरण के लिए संरचना बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आरबीआई छोटे बैंकों और अन्य विभेदित बैंकों के लाइसेंस के लिए रुपरेखा बनाएगी.
उपरोक्त घोषणा के एवज में, आरबीआई ने पेमेंट बैंकों और छोटे बैंकों के बतौर विभेदित या प्रतिबंधित बैंकों के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार किया है.


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