भारत ने 13 जुलाई 2014 को
पहला स्वदेश निर्मित अनुसंधान जहाज ‘सिंधु साधना’ का जलावतरण किया. सिंधु साधना पोत को गोवा के मर्मूगावो बंदरगाह पर
प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (स्वतंत्र प्रभार), परमाणु
ऊर्जा, अंतरिक्ष एवं भू-विज्ञान राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र
सिंह द्वारा लांच किया गया.
सिंधु साधना पोत को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद
(सीएसआईआर) – राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान
(एनआईओ) द्वारा खरीदा गया था.
सीएसआईआर-एनआईओ सिंधु साधना पोत के माध्यम से देश के
विभिन्न दिशाओं में फैले समुद्रों के बारे में अध्ययन एवं इनके पर्यवेक्षण
अभियानों को सुदृढ़ करने की योजना बनायी है.
‘सिंधु
साधना’ अनुसंधान पोत से संबंधित तथ्य
• सिंधु साधना विभिन्न
विषयों में अनुसंधान करने में सक्षम पोत है.
• तथा यह आकड़ों का
संग्रह, ईको साउंडर्स, एकूष्टिक डाप्लर,
प्रोफाइलर, स्वा्यत्त मौसम केन्द्र, वायु गुणवत्ता नियंत्रक और कई अन्य विश्वं स्तरीय आधुनिक उपकरण से लैस
हैं.
• सिंधु साधना से शिपिंग,
फिशिंग, तेल एवं प्राकृतिक गैस के निष्कर्षण
एवं सब-मरीन पाइपलाइन के विकास में सहायता होगी.
• सिंधु साधना पोत 57
व्यक्तियों को वहन कर सकता है, जिसमे 29
वैज्ञानिक तथा 28 क्रू-सदस्यों हेतु जगह है.
• यह 13.5के की गति से लगातार 45 दिनों से समुद्री गश्त लगाने
में सक्षम है.
• गतिशील स्थापन्न
प्रणाली से युक्त, सिंधु साधना को यांत्रिकृत लंगरों,
सुदूर-चालित वाहनों एवं स्वतंत्र जल वाहनों की तैनाती हेतु प्रयोग
किया जाना है.
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