ऑस्ट्रेलिया की सीनेट ने कार्बन कर निरस्त करने के लिए वोट किया-(23-JULY-2014) C.A

| Wednesday, July 23, 2014
ऑस्ट्रेलिया की सीनेट ने कार्बन कर निरस्त करने के लिए 17 जुलाई 2014 को वोट किया. ऑस्ट्रेलिया की सीनेट ने कर निरस्त करने के लिए 32 के मुकाबले 39 वोट डाले. इसके साथ ही कार्बन कर निरस्त करने वाला ऑस्ट्रेलिया विश्व का पहला देश बन गया.
अगर सीनेट इसे पास कर देती है तो कार्बन कर का निरसन डायरेक्ट एक्शन प्लान के साथ प्रतिस्थापित किया जाएगा. डायरेक्ट एक्शन प्लान 2.55 बिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का करदाता वित्त पोषित योजना है जिसमें उद्योगों को उत्सर्जन कम करने और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने के लिए पैसा दिया जाएगा.
कार्बन कर को जूलिया गिलार्ड की पिछली लेबर सरकार ने जुलाई 2012 में पारित किया था. यह कर 348 सबसे बड़े प्रदूषकों पर लगाया गया था. इस कर के तहत ऑस्ट्रेलिया के 348 सबसे बड़े प्रदूषकों को प्रति टन कार्बन डाइ ऑस्कसाइड के उत्सर्जन पर 23 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (22.60 अमेरिकी डॉलर)  देने पड़ते थे.
टिप्पणी
कार्बन कर की वापसी लिबरनेशनल गठबंधन के प्रधानमंत्री टॉनी एब्बोट की सबसे बड़ी जीत है. जून 2013 के अपने चुनावी घोषणापत्र में उन्होंने कार्बन कर को निरस्त करने का वादा किया था. इस कर को निरस्त करने के बाद एब्बोट सरकार के आर्थिक कार्रवाई णनीति को प्रोत्साहन मिलेगा.
हालांकि, कार्बन कर के निरसन की पर्यावरणविदों ने आलोचना की है. उन्होंने इसे ग्लोबल वार्मिंग और ग्लोबर सीओटू ट्रेडिंग से मुकाबला करने में बड़ी हार बताया. ऐसा इसलिए क्योंकि ऑस्ट्रेलिया  प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सजन के मामले में विश्व के सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जन देशों में से एक है और यूरोप एं गुआंगडॉन्ग के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ी उत्सर्जन व्यापार योजना (ईटीएस) वाला देश है.
यह शायद ऑस्ट्रेलिया के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य योजना (ईटीएस) को भी प्रभावित कर सकता है.
ऑस्ट्रेलियाई ईटीएस का डिजाइन 2020 तक ऑस्ट्रेलिया के कुल बिजली का बीस फीसदी अक्षय ऊर्जा से आए, को ध्यान में रखकर किया गया था. ऑस्ट्रेलिया ने बिना शर्त 2020 तक अपने समग्र कार्बन उत्सर्जन को साल 2000 के मुकाबले पांच फीसदी कम करने का वादा किया है.
कार्बन कर के बारे में
कार्बन कर कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करने वाले ऊर्जा स्रोतों पर लगाया जाना वाला कर है. यह प्रदूषण कर है, जिसका कुछ अर्थशास्त्रि इसलिए समर्थन कर रहे थे क्योंकि यह कर अच्छी वजह से लगाया गया था. कार्बन कर नकारात्मक बहिर्मुखता को संबोधित करता है. बहिर्मुखता तब पैदा होती है जब व्यक्तिगत उत्पादन या खपत गतिविधि दूसरों पर लागत या लाभ थोपती है.
कार्बन कर लगाने का छिपा हुई उद्देश्य कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम कर ग्लोबल वार्मिंग को कम करना था.
पहला कार्बन कर ईंधन (पीट सहित जैव ईंधन को छोड़कर) पर बहुत कम कर के तौर पर 1990 में फिनलैंड में लगाया गया था.


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