संयुक्त राष्ट्र द्वारा जुलाई 2014 के चौथे सप्ताह में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया
की हर तीसरी ‘बाल-वधु’ भारत से संबंधित
है. 'एंडिंग चाइल्ड मैरिज: प्रोग्रेस एंड प्रास्पेक्ट'
शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में
भारत ऐसा 6वां देश है जहां बाल विवाह का सर्वाधिक प्रचलन
मौजूद है.
'एंडिंग चाइल्ड मैरिज: प्रोग्रेस एंड
प्रास्पेक्ट' रिपोर्ट से संबंधित मुख्य बातें
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दक्षिण एशिया, उप-सहारा अफ्रीका और भारत में बाल विवाह बेहद आम बात है.
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दक्षिण एशिया में दुनिया की 42 प्रतिशत ‘बाल-वधु’ का निवास
है.
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वर्तमान में दुनियाभर में 70 करोड़ ऐसी महिलाएं हैं, जिनकी 18 वर्ष से कम उम्र में शादी की गई.
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कुल बाल वधुओं में से तीन में एक
(लगभग 25 करोड़) लड़कियां 15 वर्ष
से भी कम उम्र में विवाहित हुई.
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भारत में करीब 20 से 49 वर्ष की 27 प्रतिशत
महिलाओं की 15 वर्ष से कम उम्र में शादी हुई.
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भारत में लड़कियों की शादी की औसत
आयु 19 वर्ष है.
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डोमनिक रिपब्लिक और भारत में धनी
महिलाएं गरीब महिलाओं की तुलना में चार वर्ष बाद शादी करती हैं.
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दुनिया में 31 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं, जिनका विवाह 15 वर्ष के बाद लेकिन 18 वर्ष से पहले कर दिया गया.
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भारत में बाल लिंगानुपात वर्ष 1961 में 976 लड़कियों से गिरकर वर्ष 2011 में 918 के स्तर पर पहुंच गया.
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बाल विवाह के मामलों में दुनिया के
शीर्ष दस देशों में क्रमश: नाइजर, बांग्लादेश,
चाड, माली, मध्य अफ्रीकी
गणराज्य, भारत, गुयाना, इथोपिया, बुरकिना फासो और नेपाल शामिल हैं.
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