केंद्र सरकार ने जुलाई 2014 के तीसरे सप्ताह
में सरकारी कर्मचारी ( संपत्ति और देनदारियों के बारे में सूचना और रिटर्न फाइल
करते समय छूट की सीमा बताने के लिए) नियम, 2014 अधिसूचित
किया.
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और
पेंशन मंत्रालय के तहत कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने
इन नियमों को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत
अधिसूचित किया.
सरकारी कर्मचारी नियम, 2014 के मुताबिक,
सभी सरकारी कर्मचारीयों के लिए उनकी, उनके
जीनवसाथी और आश्रित बच्चों की संपत्ति और देनदारियों की घोषणा करना अनिवार्य कर
दिया गया है.
सरकारी कर्मचारी नियम, 2014 के तहत घोषणाएं
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रिटर्न भरने के लिए सरकार नए फॉर्म
जारी करेगी. इस फॉर्म में अन्य जानकारियों के साथ नकद, बैंक जमा, बॉन्ड में निवेश, डिबेंचर,
कंपनियों में शेयर या यूनिट या म्यूचुअल फंड्स, बीमा पॉलिसी, भविष्य निधि, व्यक्तिगत
ऋण और किसी व्यक्ति या निकाय को दिया गया अग्रिम की
जानकारी देनी होगी.
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अधिनियम के नियमों के अनुसार, कर्मचारीयों को मोटर वाहनों, विमान, नौकाओं या जहाजों, सोना और चांदी के जेवर और उनके
बुलियन, अपने जीनव साथी औऱ आश्रित बच्चों की घोषणा करनी
होगी.
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उन्हें अपनी अचल संपत्ति और अपनी
पहली नियुक्ति के समय ऋण एवं अन्य देनदारियों के बयान या हर वित्त वर्ष में 31 मार्च को इनका विवरण देना चाहिए.
ये घोषणाएं विभिन्न सेवाओं के नियमों के तहत सरकारी कर्मचारीयों द्वारा दायर की जा रही है.
ये घोषणाएं विभिन्न सेवाओं के नियमों के तहत सरकारी कर्मचारीयों द्वारा दायर की जा रही है.
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वे कर्मचारी जो पहले ही अपनी
घोषणाएं, सूचना और संपत्ति का वार्षिक रिटर्न पहले
ही दायर कर चुके हैं, वे 1 अगस्त 2014
को या 15 सितंबर 2014 से
पहले संशोधित घोषणाएं सक्षम प्राधिकारी के पास फाइल कर सकते हैं.
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हालांकि, सक्षम प्राधिकारी सरकारी कर्मचारी को सूचनाओं को दायर करने से उस सूरत में
छूट दे सकता है जब उसका/ उसकी संपत्ति का मूल्य उसका/ उसकी चार माह के बेसिक आमदनी
से अधिक न हो या दो लाख रुपये से कम हो, जो भी अधिक है.
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केंद्र सरकर अन्य नियमों में भी
संशोधन की प्रक्रिया में है. इसमें खोज समिति के काम से संबंधित भी एक नियम शामिल
है.
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 1 जनवरी 2014 को दिया गया परिसंपत्ति था. यह अधिनियम सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में पूछताछ के लिए केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की सुविधा देता है.
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के मुताबिक
सरकारी कर्मचारी को सक्षम प्राधिकारी को उसके खुद के, उसके
जीवन साथी और आश्रित बच्चों, संयुक्त या पृथक, के नाम पर संपत्ति के संबंध में जानकारी देनी होगी. अधिनियम के मुताबिक
उन्हें अपनी, अपने जीवनसाथी और आश्रित बच्चों की देनदारियों
के बारे में भी जानकारी देनी होगी.
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