भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई ‘जीनोम आनुवांशिकी’ तैयार की-(20-JULY-2014) C.A

| Sunday, July 20, 2014
भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई जीनोम आनुवांशिकी’  (Genome Genetics) तैयार की. इसकी घोषणा 18 जुलाई 2014 को नई दिल्ली में की गई. गेहूं की नई जीनोम आनुवांशिकी’  (Genome Genetics) को, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सम्मिलित रूप से तैयार किया है. इससे संबंधित शोध को पूरा करने में कुल 35 करोड़ रुपये का खर्च आया. इस राशि को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विज्ञान विभागने उपलब्ध कराई. 
गेहूं की नई जीनोम आनुवांशिकी’  (Genome Genetics) से संबंधित मुख्य तथ्य 
इस पद्धति से विकसित गेहूं की खेती कहीं भी और किसी भी मौसम में की जा सकती है.
फसल पर रोग व कीटों का प्रकोप संभव नहीं होगा.
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से मुक्त होगी.
यह उपलब्धि अन्य फसलों के सूखारोधी प्रजातियों को विकसित करने में मददगार.


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