आयकर विभाग में विवादों के समाधान के लिए रानी एस नायर समिति का गठन-(20-JULY-2014) C.A

| Sunday, July 20, 2014
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 17 जुलाई 2014 को आयकर विभाग में विवाद समाधान हेतु मुकदमेबाजी कम करने के लिए एक छह सदस्यीय समिति गठित की. अहमदाबाद में आयकर कार्यालय के मुख्य आयुक्त रानी एस नायर समिति के अध्यक्ष होंगे. समिति के अन्य पांच सदस्य आयकर विभाग के विभिन्न क्षेत्र से होंगे.
इस समिति को कानूनी मामलों को कम करने के सुझाव देने और दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.

समिति ने आयकर के आयुक्त (सीआईटी) और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के आयुक्त (आईटीएटी) को पहले दो मंचों के भीतर मुकदमेबाजी कम करने के लिए अधिकृत किया. विभिन्न आय वर्ग के तहत भारत भर में आयकर अधिकारियों को नई पहल करने और अध्ययन के लिए चयनित आकलन के आदेशों को पालन करने के लिए कहा गया है. चयनित समूहों के अतर्गत 25 लाख रुपये, 25 लाख से 1 करोड़ रुपए, 1-10 करोड़ रुपए और 10 करोड़ रुपए से ऊपर की आय शामिल है.
इसके साथ ही सीबीडीटी ने पहली बार आयकर विभाग में मौजूद प्रारंभिक मुकदमेबाजी तंत्र के प्रभाव की जांच के लिए छह सदस्यीय पैनल का गठन किया.

वर्तमान में, चार चरण के शिकायत निवारण तंत्र के साथ शुरूआत होती है
·       आयकर आयुक्त (सीआईटी) के लिए एक अपील के साथ
·       तब आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा निरीक्षण किया जाता है (आईटीएटी)
·       उसके बाद उच्च न्यायालय में
·       अंत में सर्वोच्च न्यायालय में

समिति के गठन का कारण
एक अनुमान के अनुसार राजस्व कर का 4 लाख करोड़ रुपए मुकदमेबाजी में फंसे है जिसे देखने के बाद सीबीडीटी ने पैनल गठित किया.

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के बारे में
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड राजस्व अधिनियम, 1963 के केंद्रीय बोर्ड के अधीन कार्यरत एक सांविधिक प्राधिकरण है. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के पदाधिकारी केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक विभाग के रूप में कार्य करते हैं. सीबीडीटी लेवी और प्रत्यक्ष करों के संग्रह की निगरानी करती है. सीबीडीटी प्रशासनिक सुधार और आयकर विभाग के प्रभावी संचालन के लिए नीति तैयार करती है.


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