दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला शास्त्रीय संगीत का रिएलिटी
शो नाद भेद– द मिस्ट्री ऑफ साउंड लिम्का बुक ऑफ
रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जाएगा. दूरदर्शन ने 21 जुलाई 2014
को एक वक्तव्य जारी कर इसकी सूचना दी.
यह रिएलिटी शो लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के टेलीविजन अध्याय
में शास्त्रीय संगीत पर सबसे पहले राष्ट्रीय स्तर के रिएलिटी शो के तौर पर दर्ज
किया जाएगा.
नाद भेद– द मिस्ट्री ऑफ साउंड के बारे में
राष्ट्रीय स्तर के शास्त्रीय संगीत का रिएलिटी शो नाद भेद– द मिस्ट्री ऑफ साउंड का उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत को प्रोत्साहन और लोकप्रिय बनाना एवं शास्त्रीय संगीत के युवा कलाकारों को पुरस्कृत करना है.
नाद भेद– द मिस्ट्री ऑफ साउंड के बारे में
राष्ट्रीय स्तर के शास्त्रीय संगीत का रिएलिटी शो नाद भेद– द मिस्ट्री ऑफ साउंड का उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत को प्रोत्साहन और लोकप्रिय बनाना एवं शास्त्रीय संगीत के युवा कलाकारों को पुरस्कृत करना है.
शो का मुख्य उद्देश्य शास्त्रीय संगीत के समृद्ध भारतीय विरासत
के लिए सम्मान अर्जित करना है.
दूरदर्शन और सोसायटी फॉर द प्रोमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्युजिक एंड कल्चर एमंग्स्ट यूथ (एसपीआईसी एमएसीएवाई) नाम के स्वयंसेवी संगठन ने मिलकर नाद भेद को प्रोड्यूस किया है. डीडी के 20 क्षेत्रीय केंद्रों पर क्षेत्रीय राउंड की प्रतियोगिता के साथ इस शो की शुरुआत अगस्त 2013 मे हुई थी. हिन्दुस्तानी संगीत के प्रतियोगियों को संगीत रिसर्च अकादमी, कोलकाता में और कर्नाटक संगीत के प्रतियोगियों को मद्रास म्युजिक अकादमी, चेन्नै में जज किया गया था. इस शो का फाइनल मुंबई में होगा.
दूरदर्शन और सोसायटी फॉर द प्रोमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्युजिक एंड कल्चर एमंग्स्ट यूथ (एसपीआईसी एमएसीएवाई) नाम के स्वयंसेवी संगठन ने मिलकर नाद भेद को प्रोड्यूस किया है. डीडी के 20 क्षेत्रीय केंद्रों पर क्षेत्रीय राउंड की प्रतियोगिता के साथ इस शो की शुरुआत अगस्त 2013 मे हुई थी. हिन्दुस्तानी संगीत के प्रतियोगियों को संगीत रिसर्च अकादमी, कोलकाता में और कर्नाटक संगीत के प्रतियोगियों को मद्रास म्युजिक अकादमी, चेन्नै में जज किया गया था. इस शो का फाइनल मुंबई में होगा.
इसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान आचार्यों जैसे उस्ताद
अमजद अली खान, टीन एन कृष्णन, पं.
शिव कुमार शर्मा, बेगम परवीन सुल्ताना, विद्वान टी वी शंकरनारायण, पं. हरिप्रसाद चौरसिया और
आर के श्रीकांत आदि शामिल हैं.
कर्नाटक और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय
संगीत में पुरस्कारों की छह श्रेणियां हैं
·
एमएस सुब्बालक्ष्मी युवा पुरस्कार
(कर्नाटक गायन)
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विद्वान शेख चीन्ना मौलाना युवा
पुरस्कार (कर्नाटक वाद्य यंत्र)
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विद्वान पालघाट मणि अय्यर युवा
पुरस्कार (कर्नाटक संगतकार)
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भीमसेन जोशी युवा पुरस्कार
(हिन्दुस्तानी गायन)
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रवि शंकर युवा पुरस्कार
(हिन्दुस्तानी वाद्य यंत्र)
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उस्ताद अल्ला रक्खा युवा पुरस्कार
(हिन्दुस्तानी संगतकार)
हिन्दुस्तानी और कर्नाटक की प्रत्येक श्रेणी के विजेता को
तीन लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा और इन दोनों श्रेणियों के मेगा विजेता को
सात लाख रुपये और मिलेगें.
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