छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के कांकेर जिला के चारामा क्षेत्र की
गुफाओं में प्रागैतिहासिक काल के शैल चित्र मिले हैं जिनमें एलियंस और यूएफओ
दिर्शाए गए हैं. प्राथमिक डेटिंग के अनुसार ये तस्वीरें कम–से–कम दस हजार साल पुरानी हैं.
यह गुफा पुरातत्वविद् जे आर भगत की अगुआई में खोजी गयी थी. ये गुफाएं
रायपुर से 130 किलोमीटर दूर चंदेली और गोटीटोला
गांवों के बीच स्थित है.
पुरातत्वविदों द्वारा
प्रागैतिहासिक चित्रों का चित्रण
• कुरुप चेहरों वाले
मानव जैसी आकृतियां (नाक और मुंह गायब)
• उनके हाथों में हथियार
जैसी चीजें दिखाई दे रही है.
• पंखे की तरह एंटीना और
तीन टांग वाला वाहन जैसा कि हॉलिवुड की फिल्मों में यूएफओ को दिखाया जाता है.
• इन तस्वीरों में लोगों
को सूटकेस के जैसी पोशाक में दिखाया गया है.
ये चित्रें प्राकृतिक रंगों से बनाई गई हैं और इसलिए ये
इतने लंबे समय के बाद भी वैसी ही हैं.
खोज से यही पता चलता है कि प्रागैतिहासिक काल में भी लोग
दूसरे ग्रहों के प्राणियों की कल्पना करते थे जो आज भी लोगों के बीच जिज्ञासा
उत्पन्न करते हैं. इन मिले चित्रों पर आगे शोध के लिए छत्तीसगढ राज्य पुरातत्व एवं
संस्कृति विभाग इसरो और नासा से मदद मांगेगा.
गांववालों के मुताबिक, गुफाओं
में बनाई गई चित्रकारी को उनके पूर्वज पूजा करते थे. इन चित्रों को वे रोहेला लोग–
छोटे आकार के लोग की तस्वीर बताते हैं. ये छोटे आकार के लोग आकाश से
आते हैं और गोल उड़न वस्तु में लोगों को ले जाते हैं.
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