अमेरिका स्थित हार्वर्ड-स्मिथसोनियन खगोल भौतिकी केंद्र
के खगोलविदों ने आठ नए ग्रहों की खोज की घोषणा 7 जनवरी 2015 को वाशिंगटन में की. खगोलविदों ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ‘केपलर’ अंतरिक्ष दूरबीन की मदद से इन ग्रहों को
खोजा.
खगोलविदों के अनुसार, अंतरिक्ष में जीवन
की संभावना खोजने के क्रम में आठ ऐसे ग्रहों का पता लगा है, जो
धरती के आकार-प्रकार के हैं और जिन्हें मानव के रहने लायक माना जा रहा है. इनमें
से दो ग्रहों की पृथ्वी से बहुत अधिक समानता पाई गई है. वैज्ञानिकों के अनुसार,
ये आठों ग्रह अपने तारों की उतनी ही दूरी से परिक्रमा कर रहे हैं,
जितनी दूरी से पृथ्वी सूर्य की करती है. इससे इनकी सतहों पर पानी की
संभावना हो सकती है. खगोल वैज्ञानिकों ने इन ग्रहों पर धरती जैसे चट्टान पाए जाने
की भी संभावना जताई.
हार्वर्ड-स्मिथसोनियन खगोल भौतिकी केंद्र के शोध प्रमुख
गिलेरमो टॉरेस ने कहा कि जिन दो ग्रहों की धरती से अत्यधिक समानता पाई गई है, उनके नाम ‘केपलर-438बी’
और ‘केपलर-442बी’
है. ये दोनों ग्रह लाल बौने तारों की परिक्रमा कर रहे हैं, जो हमारे सूर्य से छोटे और अपेक्षाकृत ठंडे हैं.
विदित हो कि केपलर दूरबीन हमारे सौरमंडल से बाहर डेढ़ लाख
से अधिक तारों की लगातार निगरानी करता रहता है और इसके साथ ही केपलर द्वारा खोजे
गए ग्रहों की संख्या एक हजार से अधिक हो गई है.
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