होल प्लांट थेरेपी मलेरिया परजीवी की दवाओं के प्रतिरोध का सामना कर सकता हैः अध्ययन-(23-JAN-2014) C.A

| Friday, January 23, 2015
एक नए अध्ययन में पता चला है कि होल प्लांट थेरेपी मलेरिया परजीवी की दवाओं के प्रतिरोध का सामना कर सकता है. यह अध्ययन जनवरी 2015 के पहले सप्ताह में प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस के नवीनतम अंक में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया था. 
यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स अमहर्स्ट के अणुजीववैज्ञानिक स्टीफन रिच और उनकी शोध टीम ने यह अध्ययन किया था. 
शोधकर्ताओं का कहना है कि नया उपचार होल प्लांट (डब्ल्यूपी) अर्टेमेशिया एन्नुआ के प्रयोग पर आधारित है जिससे वर्तमान फार्मास्युटिकल दवा आर्टीमिसिनिन (एएन) निकाला जाता है. 
शोधकर्ताओँ ने पाया कि होल प्लांट उपचार प्रतिरोध का क्रमिक विकास करता है और शुद्ध दवा के मुकाबले तीन गुणा अधिक प्रभावी रहता है. उन्होंने यह भी पाया कि होल प्लांट थेरेपी कृन्तक परजीवियों जो पहले शुद्ध एएन के प्रति प्रतिरोध विकसित कर चुके थे, को मारने में भी कारगर हैं. 
यह खासतौर पर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विश्व के मलेरिया स्थानिक क्षेत्रों में आर्टीमिसिनिन के प्रति प्रतिरोध विकसित हो गया है.नई दवाएं विकसित करना महंगा हो गया है न सिर्फ डॉलरों के तौर पर बल्कि जीवन की कीमत के तौर पर भी. 
लेखकों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पूरे पौधे को लेना एक शुद्ध दवा लेने की तुलना में अधिक प्रभावी है क्योंकि पूरा पौधा  जो आर्टिमिसिनिन देता है वह प्राकृतिक रूप से उपचार कर सकता है और दवा की गतिविधि को समन्वित कर सकता है.

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