22 जनवरी 2015 को
हाई कोर्ट के भूतपूर्व जस्टिस आर वी ईश्वर को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ
(डीडीसीए) का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईश्वर की नियुक्ति डीडीसीए के कोषाध्यक्ष रविन्दर मनचंदा की याचिका पर सुनवाई के बाद की, जिसमें उन्होंने 16 जनवरी 2015 को निचली अदालत ( ट्रायल कोर्ट) के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि क्रिकेट निकाय बंसल की अपील की सुनवाई होने तक कोई भी बैठक नहीं बुलाएगा.
निचली अदालत द्वारा इसके अध्यक्ष स्नेह बंसल के निलंबन पर विवाद पर फैसला होने तक ईश्वर डीडीसीए की कार्यकारी समिति की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. डीडीसीए कार्यकारिणी की हर एक बैठक के लिए ईश्वर को 110000 रुपये बतौर फीस भी देगी.
अदालत ने डीडीसीए के निलंबित अध्यक्ष स्नेह बंसल और डीडीसीए के महासचिव अनिल खन्ना को निचली अदालत में बंसल द्वारा दायर उनके निलंबन के खिलाफ याचिका की सुनवाई होने तक कार्यकारी समिति के सदस्य के तौर पर बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति भी दे दी है.
हाइकोर्ट का यह आदेश मनचंदा और बंसल द्वारा डीडीसीए की बैठकों की अध्यक्षता के लिए सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति की अंतरिम व्यवस्था करने पर सहमत होने के बाद आया.
पृष्ठभूमि
इससे पहले मनचंदा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि बगैर कार्यकारिणी बैठक के डीडीसीए का पूरा काम रूक गया है. मनचंदा बंसल द्वारा उनको हटाए जाने की चुनौती पर दायर अभियोग में एक प्रतिवादी भी हैं.
इस बीच बंसल के वकील गौतम दत्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल को अवैध रूप से निलंबित किया गया है और उन्हें बैठकों में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईश्वर की नियुक्ति डीडीसीए के कोषाध्यक्ष रविन्दर मनचंदा की याचिका पर सुनवाई के बाद की, जिसमें उन्होंने 16 जनवरी 2015 को निचली अदालत ( ट्रायल कोर्ट) के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि क्रिकेट निकाय बंसल की अपील की सुनवाई होने तक कोई भी बैठक नहीं बुलाएगा.
निचली अदालत द्वारा इसके अध्यक्ष स्नेह बंसल के निलंबन पर विवाद पर फैसला होने तक ईश्वर डीडीसीए की कार्यकारी समिति की बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. डीडीसीए कार्यकारिणी की हर एक बैठक के लिए ईश्वर को 110000 रुपये बतौर फीस भी देगी.
अदालत ने डीडीसीए के निलंबित अध्यक्ष स्नेह बंसल और डीडीसीए के महासचिव अनिल खन्ना को निचली अदालत में बंसल द्वारा दायर उनके निलंबन के खिलाफ याचिका की सुनवाई होने तक कार्यकारी समिति के सदस्य के तौर पर बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति भी दे दी है.
हाइकोर्ट का यह आदेश मनचंदा और बंसल द्वारा डीडीसीए की बैठकों की अध्यक्षता के लिए सेवानिवृत्त जज की नियुक्ति की अंतरिम व्यवस्था करने पर सहमत होने के बाद आया.
पृष्ठभूमि
इससे पहले मनचंदा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि बगैर कार्यकारिणी बैठक के डीडीसीए का पूरा काम रूक गया है. मनचंदा बंसल द्वारा उनको हटाए जाने की चुनौती पर दायर अभियोग में एक प्रतिवादी भी हैं.
इस बीच बंसल के वकील गौतम दत्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल को अवैध रूप से निलंबित किया गया है और उन्हें बैठकों में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
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