सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC), श्रीहरिकोटा रेंज (SHAR) के निदेशक एमवाईएस प्रसाद
को विक्रम साराभाई मेमोरियल पुरस्कार 2015 के लिए चुना गया.
इनके चयन की घोषणा 10 जनवरी 2015 को
किया गया. यह पुरस्कार भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन (ISCA) द्वारा दिया जाना है.
इस पुरस्कार के लिए एमवाईएस प्रसाद का चयन भारतीय
अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में उनके लंबे करिअर के दौरान अंतरिक्ष विज्ञान के
क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास में योगदान को देखते हुए किया गया.
मुख्यतः भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन (ISCA) द्वारा दिया जाने वाला यह पुरस्कार भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में दिया जाता है लेकिन इस बार यह पुरस्कार आईएससीए द्वारा आयोजित अलग समारोह में दिया जाएगा.
एमवाईएस प्रसाद से संबंधित मुख्य तथ्य
• एमवाईएस प्रसाद ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेस (बिट्स) से उपग्रह संचार के क्षेत्र में डॉक्टरेट किया था.
• वह जनवरी 2013 से मार्स ऑर्बिटर मिशन सहित लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड के अध्यक्ष हैं.
• उन्होंने डाटा ट्रांस्फर सुविधा के लिए अंटार्कटिका स्थित भारतीय अनुसंधान स्टेशन ‘मैत्री’ से गोवा स्थित एनएओसीआर (NAOCR) के बीच 24 घंटे कनेक्टिविटी की स्थापना की थी.
• वह इसरो के मास्टर कंट्रोल सुविधा (एमसीएफ) के निदेशक थे जिसने 1998 से 2005 के बीच सभी भारतीय जीएसओ उपग्रहों को नियंत्रित किया था.
• वह चार वर्षों (2006 से 2010 तक) तक अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन (आईएएफ) के उपाध्यक्ष भी थे.
विक्रम साराभाई मेमोरियल पुरस्कार
• विक्रम साराभाई मेमोरियल पुरस्कार की शुरुआत भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ ने 1997-98 में की थी.
• इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक दिया जाता है और यह प्रति दो वर्ष बाद दिया जाता है.
• पुरस्कार देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है.
• यह पुरस्कार भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ के वार्षिक सत्र के उद्घाटन समारोह में दिया जाता है.
• इससे पहले यह पुरस्कार– इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सतीश धवन, के. कस्तूरी रंगन, जी. माधवन नायर और के. राधाकृष्णन को दिया जा चुका है.
मुख्यतः भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन (ISCA) द्वारा दिया जाने वाला यह पुरस्कार भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में दिया जाता है लेकिन इस बार यह पुरस्कार आईएससीए द्वारा आयोजित अलग समारोह में दिया जाएगा.
एमवाईएस प्रसाद से संबंधित मुख्य तथ्य
• एमवाईएस प्रसाद ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेस (बिट्स) से उपग्रह संचार के क्षेत्र में डॉक्टरेट किया था.
• वह जनवरी 2013 से मार्स ऑर्बिटर मिशन सहित लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड के अध्यक्ष हैं.
• उन्होंने डाटा ट्रांस्फर सुविधा के लिए अंटार्कटिका स्थित भारतीय अनुसंधान स्टेशन ‘मैत्री’ से गोवा स्थित एनएओसीआर (NAOCR) के बीच 24 घंटे कनेक्टिविटी की स्थापना की थी.
• वह इसरो के मास्टर कंट्रोल सुविधा (एमसीएफ) के निदेशक थे जिसने 1998 से 2005 के बीच सभी भारतीय जीएसओ उपग्रहों को नियंत्रित किया था.
• वह चार वर्षों (2006 से 2010 तक) तक अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल फेडरेशन (आईएएफ) के उपाध्यक्ष भी थे.
विक्रम साराभाई मेमोरियल पुरस्कार
• विक्रम साराभाई मेमोरियल पुरस्कार की शुरुआत भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ ने 1997-98 में की थी.
• इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक दिया जाता है और यह प्रति दो वर्ष बाद दिया जाता है.
• पुरस्कार देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है.
• यह पुरस्कार भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ के वार्षिक सत्र के उद्घाटन समारोह में दिया जाता है.
• इससे पहले यह पुरस्कार– इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सतीश धवन, के. कस्तूरी रंगन, जी. माधवन नायर और के. राधाकृष्णन को दिया जा चुका है.
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