एफसीआई की पुनर्संरचना हेतु गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को पेश की-(23-JAN-2014) C.A

| Friday, January 23, 2015
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की पुनर्संरचना हेतु गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 21 जनवरी 2015 को सौंपी. भाजपा सांसद शांता कुमार इस समिति के अध्यक्ष हैं.

रिपोर्ट प्राप्ति के उपरांत प्रधानमंत्री ने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग को इस रिपोर्ट पर शीघ्रातिशीघ्र अपनी राय देने का निर्देश दिया ताकि इसे समयबद्ध तरीके से लागू किया जा सके. 

समिति के सदस्य एवं कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी ने रिपोर्ट की विभिन्न सिफारिशों के बारे में जानकारी दी.  

समिति के कार्य 
समिति से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के वर्तमान प्रशासनिक, कामकाजी तथा वित्तीय ढांचे की समीक्षा करने और खाद्य निगम की पुनर्संरचना के लिए मॉडल सुझाने को कहा गया था ताकि एफसीआई के कार्य संचालन दक्षता तथा वित्तीय प्रबंधन में सुधार किया जा सके. समिति से भारतीय खाद्य निगम द्वारा खाद्य प्रबंधन में सुधार के उपाय सुझाने को भी कहा गया था.

विदित हो कि खाद्य मंत्रालय द्वारा एफसीआई के पुनर्गठन के बारे में सिफारिशें देने के लिए भाजपा सांसद शांता कुमार के नेतृत्व में आठ सदस्यीय समिति का अगस्त 2014 में गठन किया गया था. कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी इस समिति के सदस्य थे. इसके अलावां एफसीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सी. विश्वनाथ और इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी सचिव राम सेवक पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के शिक्षाविद जी. रघुराम और हैदराबाद विविद्यालय के शिक्षाविद गुनमडी नानचरैया समिति के अन्य सदस्य हैं. 

एफसीआई 
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) देश में खाद्यान्नों का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा करने वाली प्रमुख एजेंसी है. इसकी स्थापना खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के तहत खाद्य नीति के निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए की गई थी.
किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रभावी मूल्य समर्थन.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत देशभर में खाद्यान्नों का वितरण.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्नो के प्रचालन तथा बफर स्टॉक के संतोषजनक स्तर को बनाए रखना.

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