जापान ने 2015 के लिए अपने अब तक के सबसे बड़े रक्षा बजट को मंजूरी दी-(16-JAN-2014) C.A

| Friday, January 16, 2015
प्रधानमंत्री शिंजो अाबे की अध्यक्षता में जापान की कैबिनेट ने रक्षा बजट जिनमें निगरानी विमान, ड्रोन और एफ -35 लड़ाकू जेट विमानों को खरीदने की योजना भी शामिल है, 14 जनवरी 2015 को अब तक के सबसे बड़े रक्षा बजट के रूप में मंजूरी दे दी.

रक्षा खर्च में वृद्धि का मुख्य उद्देश्य पूर्वी चीन सागर में निर्जन द्वीपों की रक्षा करना है जिन्हें जापान नियंत्रित करता है और चीन भी इन निर्जन द्वीपों पर अपना दावा करता है.

रक्षा बजट की मुख्य विशेषताएं

शिंजो आबे की कैबिनेट ने अगले वित्त वर्ष के लिए रिकॉर्ड 96.3 ट्रिलियन येन ([करीब 814 बिलियन डॉलर)] के बजट को स्वीकार किया है.
इसमें रक्षा क्षेत्र के लिए 5 ट्रिलियन येन यानी 42 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव रखा गया है.
जापान सरकार ने चीन की रक्षा तैयारियों के लिए सर्विलांस एयरक्राफ्ट, ड्रोन और एफ-35 फाइटर प्लेन की खरीद के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखा दी है.
इस बार रक्षा बजट में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
बजट में  अमेरिका के साथ 2019 में तैनाती के लिए बनाई गयी ग्लोबल हॉक ड्रोन के कुछ हिस्सों, दो रडार से सुसज्जित विध्वंसक एवं मिसाइल रक्षा प्रणाली के विकास के लिए उपकरणों की खरीद की लागत भी शामिल है.

क्यों रक्षा बजट बढ़ाया?
चीनी गश्ती नौकायें जो जापान में सेनककुस के रूप में और चीन में दियौऊ के रूप में जाना जाती हैं जापान के क्षेत्र में प्रवेश कर जाती हैं .चीन सागर में तनाव बढ़ने के बाद दिसंबर 2013 में जापान में रक्षा से सम्बंधित दिशानिर्देशों में संशोधन के परिणामस्वरुप रक्षा बजट में वृद्धि की गयी. 

प्रधानमंत्री ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार के बाद बनायीं गयी संविधान में निहित शांतिवाद की नीति के प्रति प्रतिबद्धता वाली जापानी सेना की एक मजबूत भूमिका का समर्थन किया.

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