साहित्य अकादमी सम्मान 2014 हेतु साहित्यकार प्रभुनाथ का चयन-(16-JAN-2014) C.A

| Friday, January 16, 2015
संस्कृत के विद्वान प्रभुनाथ द्विवेदी का चयन संस्कृत भाषा हेतु साहित्य अकादमी पुरस्कार-2014 के लिए किया गया. उनका चयन संस्कृत भाषा में लिखी 'कनकआलोचन:’ (Kanakalochanaha)  नामक कहानी संग्रह के लिए किया गया.

कनकआलोचन:में 16 लघु कहानियां हैं  जो समाज को खोखला करने वाले विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर आधारित हैं.

उनका चयन साहित्य अकादमी पुरस्कार की तीन सदस्यीय जूरी ने 14 जनवरी 2015 को किया.

प्रभुनाथ द्विवेदी 
मिर्जापुर निवासी प्रभुनाथ द्विवेदी की यह चौथी रचना है. इससे पहले उन्होंने समाज में प्रचलित मुद्दों पर आधारित तीन पुस्तकें लिखी. द्विवेदी ने तीन दशक से ज्यादा समय तक विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य किया. 
पृष्ठभूमि 
साहित्य अकादमी ने वर्ष 2014 हेतु 22 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा 19 दिसंबर 2014 को की थी. उस समय साहित्य अकादमी ने दो भाषाओं, मणिपुरी एवं संस्कृत के लिए अकादमी पुरस्कारों की घोषणा नहीं की थी. साहित्य अकादमी का वार्षिक पुरस्कार 24 भाषाओं में दिया जाता है. सभी 24 भाषाओं के वार्षिक अकादमी पुरस्कार 9 मार्च 2015 को नई दिल्ली में आयोजित विशेष कार्यक्रम में दिए जाने हैं. साहित्य अकादमी पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शाल एवं एक लाख रुपये की राशि दी जाती है.

साहित्य अकादमी से संबंधित तथ्य
साहित्य अकादमी की स्थापना 12 मार्च 1954 को गयी थी.
अकादमी का मुख्यालय नई दिल्ली में है. इसके चार क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, बंगलौर, चेन्नई और मुंबई में है.
अकादमी ने वर्ष 2013 में अपनी स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती समारोह मनाया.
साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी अकादमी के पहले ऐसे अध्यक्ष है, जिनका संबंध हिंदी भाषा साहित्य से है.

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