सर्वोच्च न्यायालय ने अंतर राज्य प्रवासियों के मतदान अधिकार पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया-(15-JAN-2014) C.A

| Thursday, January 15, 2015
सर्वोच्च न्यायालय ने अंतर राज्य प्रवासियों के मतदान अधिकार पर केंद्र सरकार को 12 जनवरी 2015 को नोटिस जारी किया. 

भारत के प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने केंद्र सरकार को केरल के नागरिक वीपी शमशीर, जो कि संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं, के आवेदन पर प्रतिक्रिया देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया.

वीपी शमशीर ने अंतर राज्य प्रवासियों को मतदान के समान अधिकार जैसा कि सरकारी अधिकारियों को डाक मतपत्र के जरिए अपना मतदान करने का विशेषाधिकार प्राप्त है, की अनुमति देने के लिए आवेदन किया था. 

इसके अलावा, इसमें देश के भीतर प्रवास करने वालों-जो रोजगार, व्यापार, शिक्षा, शादी आदि कारणों से अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर चले जाते हैं, और उनके वर्तमान जगह से उन्हें वोट करने का अधिकार देने के संबंध में भी सर्वोच्च न्यायालय से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. 

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 (बीर) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 (संगीत) (डी) सरकारी अधिकारियों और कुछ अन्य श्रेणियों के लोगों को निर्वाचन आयोग की स्वीकृति के बाद डाक मतपत्र द्वारा मतदान करने की अनुमति देता है.

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