हिंदी लेखक डॉ. कमल किशोर गोयनका को वर्ष 2014
का व्यास सम्मान देने की घोषणा 13 जनवरी 2015
को की गई. वर्ष 2012 में प्रकाशित उनकी शोध
पुस्तक ‘प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्ययन’
के लिए उन्हें इस पुरस्कार हेतु चुना गया.
व्यास सम्मान से संबंधित मुख्य तथ्य
भारतीय साहित्य के लिए दिये जाने वाला व्यास सम्मान, ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ के बाद दूसरा सबसे बड़ा
साहित्य-सम्मान है. इस सम्मान की शुरूआत वर्ष 1991 में के के
बिड़ला फाउण्डेशन की ओर की गई थी. व्यास सम्मान के तहत हिन्दी की किसी एक गद्य या
पद्य कृति को प्रत्येक वर्ष सम्मानित किया जाता है. इस सम्मान के तहत, चयनित वर्ष से दस वर्ष पहले की अवधि में प्रकाशित किसी भारतीय लेखक की
हिन्दी कृति को शामिल किया जा सकता है. व्यास सम्मान के तहत चयनित कृति के लेखक को
प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और 250000 लाख रूपए नकद प्रदान किए जाते हैं. पहला व्यास सम्मान वर्ष 1991 में डॉ रामविलास शर्मा को उनकी आलोचनात्मक साहित्यिक कृति ‘भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी’ हेतु दिया
गया था.
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