अप्रचलित अधिनियमों को
निरस्त करने के लिए ‘निरस्त और संशोधन (द्वितीय) विधेयक,
2014’ लोकसभा में ध्वनि मत से 8 दिसंबर 2014
को पारित किया गया. इस विधेयक में 90 कानूनों
को निरस्त करने और दो कानूनों में संशोधन करने का प्रावधान है.
इस विधेयक को केंद्रीय
कानून एवं न्याय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने लोक सभा में 3 दिसंबर 2014 को पेश किया था. इसे कानूनों की सूची के
अद्यतन के लिए आवधिक उपाय के तौर पर प्रस्तुत किया गया था.
निरस्त और संशोधन (द्वितीय) विधेयक-2014 के प्रावधान
• यह विधेयक कुछ कानूनों को निरस्त करने के साथ– साथ कुछ अन्य कानूनों में संशोधन करने का इरादा रखता है जो या तो अप्रचलित हो चुके हैं या बतौर अलग कानून गैरजरूरी हैं.
• विधेयक में अपने पहली अनुसूची में सूचीबद्ध कुछ कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया गया है.
• पहली अनुसूची में सूचीबद्ध करीब 90 कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव किया गया है.
• इन 90 कानूनों में से 88 पूरी तरह से निरस्त किए जा चुके हैं क्योंकि वे संशोधन अधिनियम थे और बदलाव को मुख्य कानून में शामिल कर लिया गया है.
• इसके अलावा, विधेयक में रेलवे (संशोधन) अधिनियम, 2008 और भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय अधिनियम, 2008 को टंकण त्रुटि को सुधारने के लिए संशोधित करने का भी प्रस्ताव दिया गया है.
• विधेयक ने कुछ कानूनों जिसमें आर्बिट्रेशन अधिनियम और मोटर वाहन अधिनियम शामिल हैं, के अदालत में पड़े लंबित मामलों को कम करने के लिए संशोधन का भी प्रस्ताव दिया गया है.
निरस्त और संशोधन (द्वितीय) विधेयक-2014 के प्रावधान
• यह विधेयक कुछ कानूनों को निरस्त करने के साथ– साथ कुछ अन्य कानूनों में संशोधन करने का इरादा रखता है जो या तो अप्रचलित हो चुके हैं या बतौर अलग कानून गैरजरूरी हैं.
• विधेयक में अपने पहली अनुसूची में सूचीबद्ध कुछ कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया गया है.
• पहली अनुसूची में सूचीबद्ध करीब 90 कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव किया गया है.
• इन 90 कानूनों में से 88 पूरी तरह से निरस्त किए जा चुके हैं क्योंकि वे संशोधन अधिनियम थे और बदलाव को मुख्य कानून में शामिल कर लिया गया है.
• इसके अलावा, विधेयक में रेलवे (संशोधन) अधिनियम, 2008 और भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय अधिनियम, 2008 को टंकण त्रुटि को सुधारने के लिए संशोधित करने का भी प्रस्ताव दिया गया है.
• विधेयक ने कुछ कानूनों जिसमें आर्बिट्रेशन अधिनियम और मोटर वाहन अधिनियम शामिल हैं, के अदालत में पड़े लंबित मामलों को कम करने के लिए संशोधन का भी प्रस्ताव दिया गया है.
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