पूर्व उप मुख्यमंत्री रघुवर दास को झारखंड के भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया-(27-DEC-2014) C.A

| Saturday, December 27, 2014
पूर्व उप मुख्यमंत्री रघुवर दास को झारखंड के भाजपा विधायक दल का नेता 26 दिसंबर 2014 को चुना गया. इस निर्वाचन के साथ ही वह झारखंड के 14 वर्ष के इतिहास के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री होंगे. उन्हें 29 दिसंबर 2014 को रांची के बिरसा मुंडा ग्राउंड में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी है.

झारखंड विधान सभा चुनाव-2014 में वह लगातार पांचवीं बार जमशेदपुर ईस्ट विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए.  वह अपने पहले विधान सभा चुनाव में वर्ष 1995 में जमशेदपुर ईस्ट विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए. 
भाजपा विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा महासचिव और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे भी मौजूद थे.

रघुवर दास से सम्बंधित मुख्य तथ्य 

मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले रघुवर दास 30 दिसंबर 2009 से 29 मई 2010 तक झारखंड के उपमुख्यमंत्री भी रहे हैं. 
वह टाटा स्टील में काम करते थे. 
वह गैर-आदिवासी मूल के हैं और पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं.
• 32 फीसदी आदिवासी आबादी वाले प्रदेश के वह पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री होंगे.
वह दो बार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने.
छात्र जीवन में छात्र संघर्ष समिति के संयोजक रहे और जमशेदपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए संघर्ष किया. 
जमशेदपुर में उन्होंने जयप्रकाश आन्दोलन का नेतृत्व किया और 1976-77 में जनता पार्टी की राजनितिक में सक्रिय रहे.
वर्ष 1980 में भाजपा के स्थापना काल से ही भाजपा की राजनिति से जुड़े और मुंबई में हुए प्रथम अधिवेशन 1980 में भाग लिया.
सीता राम डेरा मंडल भाजपा के अध्यक्ष व जिला भाजपा के महामंत्री, उपाध्यक्ष और जिला भाजपा के महामंत्री, उपाध्यक्ष पद पर रहे.
रघुवर दास साधारण परिवार से हैं उनका पैतृक गांव छत्तीसगढ़ का बोधी पात्री है जबकि जमशेदपुर में उनका घर भालू वासा में है.
वर्तमान में वह टिस्को कंपनी के एग्रिको में रहते हैं.
बीएससी कॉपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर से 1980 में उपनी पढ़ाई पूरी की. उनकी शादी 11 मार्च 1978 में हुई थी.
रघुबर दास वर्ष 1995 से लगातार विधायक रहे हैं और वर्तमान में भाजपा के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष भी रहे. 
वर्ष 1980 से ही भाजपा से जुड़े रहे रघुबर दास पहली बार 1995 में विधायक बने थे और उसके बाद लगातार पांचवीं बार विधायक बने हैं. झारखंड विधान सभा के चुनाव-2014 में  उन्होंने करीब 70 हजार मतों से जीत दर्ज की. 
मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले रघुबर दास 30 दिसंबर 2009 से 29 मई 2010 तक झारखंड के उपमुख्यमंत्री भी रहे. 
वह गैर आदिवासी मूल के हैं और पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखते हैं.

विदित हो कि झारखंड में पहली बार भाजपा गठबंधन की सरकार बनाने जा रही है. झारखंड के कुल 81 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और आजसू गठबंधन को 42 सीटें प्राप्त हुई हैं. 

झारखंड विधान सभा चुनाव-2014
झारखंड आम विधान सभा चुनाव-2014 का परिणाम 23 दिसंबर 2014 को घोषित किया गया.जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दल ऑल झारखंड स्‍टुडेंट्स यूनियन (आजसु) ने कुल 81 सीटों वाली विधानसभा में 42 सीटें जीत कर स्‍पष्‍ट बहुमत प्राप्‍त किया. इसमें आजसु की पांच सीटें हैं. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 19 सीटें जीतकर दूसरे स्‍थान पर है, जबकि सरकार में उसकी भागीदार कांग्रेस को छह सीटें प्राप्त हुई.

भाजपा ने वर्ष 2009 में हुए विधान सभा चुनाव में 18 सीटों पर विजय प्राप्त की थी. जेएमएम की सीटें वर्ष 2009 की तुलना में वर्ष 2014 में 18 से बढ़कर 19 हो गईं. भाजपा मत विभाजन में कुल 31.4% मत लेकर प्रथम स्थान पर रही.  जेएमएम को 20.5%, कांग्रेस को 10.3% और जेवीएम (पी) को 10% मत मिले.

भाजपा के सहयोगी आजसु के प्रमुख और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो अपने गृह क्षेत्र सिल्ली से चुनाव हार गए, जहां से वह पिछले 15 वर्ष से विधायक थे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट से 24,087 वोट से जीते, जबकि दुमका विधान सभा क्षेत्र से वह 5,262 मतों से हार गए. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाले जेवीएम (पी) ने आठ सीटें जीतीं. मोर्चे ने पिछले चुनाव में 11 सीटों पर विजय हासिल की थी.
झारखंड राज्य के गठन (15 नवंबर 2000) के बाद इस राज्य को पहली स्थायी सरकार मिली. झारखंड राज्य के गठन (15 नवंबर 2000) के बाद से अभीतक नौ सरकारें बनी और इस दौरान तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लगाया गया.

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