भारत ने मॉरीशस को पहला तटरक्षक युद्धपोत बाराकुडा निर्यात किया-(30-DEC-2014) C.A

| Tuesday, December 30, 2014
भारत ने 20 दिसंबर 2014 को मॉरीशस को अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी) सीजीएस बाराकुडा का निर्यात किया. यह भारत के शिपयार्ड से एक विदेशी देश को निर्यात किया गया पहला युद्धपोत है.
सीजीएस बाराकुडा 58 मिलियन अमरीकी डॉलर (365 करोड़ रुपए) की लागत से निर्मित युद्धपोत है. यह 74.10 मीटर लंबा हैं और 22 समुद्री मील (37 किलोमीटर प्रति घंटा) की अधिकतम गति व 1350 टन के अनुमानित विस्थापन के साथ आगे बढ़ने में सक्षम हैं. 
इसको सामान्य ओपीवी कार्यों जैसे- एंटी पायरेसी, तस्कर विरोधी, अवैध शिकार, खोज और बचाव कार्यों  के लिए तैयार किया गया है. इस ओपीवी की अतिरिक्त क्षमताओं में प्रदूषण के लिए प्रतिक्रिया, बाहरी अग्निशमन, और सैनिकों के समुद्र अभियान आदि सम्मिलित हैं. 

सीजीएस बाराकुडा सरकारी स्वामित्व वाली लघु रत्न कंपनी, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) कोलकाता द्वारा निर्मित एक ओपीवी है. 

इससे पहले, भारत ने छोटे हिंद महासागर के देशों मालदीव, सेशल्स और मॉरीशस को कई युद्धपोत भेंट किये हैं. सुकन्या श्रेणी के ओपीवी जिसको भारत ने इस्तेमाल किया तथा इस पोत को श्रीलंका को बेच दिया. अब यह श्रीलंका की नौसेना के प्रमुख युद्धपोत के रूप में कार्य कर रहा हैं. 

इसके अलावा गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) कोलकाता ने फिलीपींस नौसेना के लिए दो फ्रिगेट जिनमें प्रत्येक की कीमत 1000 करोड़ रुपए होगी के लिए भी बोली लगाईं हैं. यदि जीआरएसई यह बोली जीत जाती हैं जिसके लिए प्रमुख वैश्विक शिपयार्ड जिनमें स्पेन की नवान्टिया, फ्रांस की एसटीएक्स और कोरियाई बड़ी कंपनियां हुंडई और देवू बोली लगा रही हैं तो यह पहली बार होगा की भारत में निर्मित युद्धपोत का अंतरराष्ट्रीय निविदा में चयन किया जायेगा.

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