भारत चीन के बाद दुबई का दूसरा सबसे बड़ा विदेशी
व्यापारिक भागीदार बन गया. यह तथ्य 28 दिसंबर 2014
को दुबई सीमा शुल्क द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है.
आंकड़े से पता चला है कि चीन 34 अरब अमरीकी डॉलर के व्यापार मूल्य के साथ दुबई का शीर्ष विदेशी व्यापार भागीदार था .परिणामस्वरूप, चीन की हिस्सेदारी में वर्ष 2014 में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
आंकड़े से पता चला है कि चीन 34 अरब अमरीकी डॉलर के व्यापार मूल्य के साथ दुबई का शीर्ष विदेशी व्यापार भागीदार था .परिणामस्वरूप, चीन की हिस्सेदारी में वर्ष 2014 में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
भारत 21.78 अरब अमेरिकी
डॉलर व्यापार मूल्य के साथ चीन से ठीक पीछे था. हालांकि, अरब
राष्ट्रों के साथ व्यापार में भारत 10 अरब अमरीकी डॉलर व्यापार मूल्य के साथ
शीर्ष पर था.
पहले नौ महीनों में दुबई का आयात में सबसे बड़ा हिस्सा 169 अरब अमेरिकी डॉलर होने के साथ गैर तेल विदेशी व्यापार 269 अरब अमेरिकी डॉलर था. जिसमें निर्यात एवं पुनर्निर्यात का भाग क्रमश 23.41
और 76.23 अरब अमरीकी डॉलर रहा.
दुबई विदेशी व्यापार के सन्दर्भ में अपने शीर्ष व्यापारिक
साझीदारों के साथ वर्ष 2014 के पहले नौ महीनों में लगातार वृद्धि
बनाए हुए है. वर्ष 2014 के पहले नौ महीनों में दुबई के
व्यापार आँकड़े स्पष्ट रूप से अमीरात के उभार को एक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय
व्यापार और निवेश के केंद्र के रूप में दर्शाते हैं. इसने वस्तुओं की कीमतों में
वैश्विक गिरावट के बावजूद अपने यहाँ उनके उच्च मूल्यों को बनाए रखा.
यह कीमतों में किसी भी गिरावट की क्षतिपूर्ति करने के लिए, आयात, निर्यात और फिर से निर्यात सहित विदेशी
व्यापार, की मात्रा बढ़ाने के लिए दुबई की व्यापार क्षमता को
दर्शाता है.
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