केंद्रीय कोयला मंत्रालय
ने पहले चरण में रद्द किए गए 92 कोयला खदानों की ई–
नीलामी के लिए मसौदा नियम 17 दिसंबर 2014
को अधिसूचित किया. इसके लिए सरकार ने कैप्टिव पावर, स्टील, स्पॉन्ज आयरन और सीमेंट जैसे क्षेत्रों के
लिए प्रति टन 150 रुपयों की फ्लोर प्राइस तय की है.
यह मसौदा अधिसूचना कोयला
खदान (विशेष प्रावधान) अध्यादेश 2014 के अनुसार जारी
किया गया था जिसमें मनोनीत प्राधिकरणों को निविदा दस्तावेज बनाना था. तदनुसार,
केंद्र सरकार सार्वजनिक परामर्श के लिए अप्रोच पेपर तैयार किया और
हितधारकों से 22 दिसंबर 2014 तक उसपर
टिप्पणी मांगी है.
मसौदा अधिसूचना के अनुसार
• ई– नीलामी फॉर्वर्ड/ रिवर्स आधार पर आयोजित की जा सकती है, जो कि एंड–यूज उद्योग पर निर्भर होगा.
• फॉर्वर्ड बिडिंग आयरन और स्टील के उत्पादन, कैप्टिव प्रयोग के लिए बिजली उत्पादन और सीमेंट के उत्पादन हेतु किया जाएगा जबकि रिवर्स बिडिंग का प्रयोग बिजली उत्पादन के लिए होगा.
• इच्छुक कंपनियों से इन क्षेत्रों के लिए आवेदन पूर्व योग्यता के लिए मांगी जाएगी और प्री– क्वालिफायड बीडर्स में से सिर्फ 50 फीसदी को ही अपनी बोली प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी.
• प्रस्तावित सांकेतिक मूल्य प्रति टन उत्पादित कोयले की बोली मूल्य होगी. फॉर्वार्ड बिडिंग के मामले में ऐसी बोली मूल्य फ्लोर प्राइस से अधिक और रिवर्स बीडिंग के मामले में उच्चतम मूल्य से कम हो सकती है.
• कोयला ब्लॉक की आंतरिक मूल्य की गणना उसके शुद्ध वर्तमान मूल्य की गणना द्वारा की जाएगी, जो कि डिस्काउंटेड कैश फ्लो मेथड पर आधारित होगा. आंतरिक मूल्य का दस फीसदी अग्रिम में देना होगा.
• विद्युत परियोजनाओं के लिए नीलाम किए जाने वाले कोयला खदानों की उच्चतम मूल्य फिक्सिंग पर – लगात के साथ विद्युत खरीद समझौते, प्रचलित सीआईएल के उच्चतम मूल्य जो कि प्रत्येक कोयला खदान के लिए अधिसूचित है को फिक्स किया जाएगा और बोली लगाने वाले को इस उच्चतम मूल्य से कम कोट करना अनिवार्य होगा.
• कोयला के लिए प्रति टन 100 रुपये की निश्चित रिवर्स मूल्य खान आवंटी द्वारा वास्तविक उत्पादन के अनुसार, देय होगा.
• अ–अनुबंधित क्षमता वाले बिजली संयंत्रों के लिए, बोलीकर्ता अपने कैप को आवंटित कोयला खदान से जुड़ी स्थापित विद्युत क्षमता के व्यापारी क्षमता के 20 फीसदी तक सीमित कर सकेगा.
यह मसौदा अधिसूचना सितंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए गए 2014 कोयला ब्लॉक की नीलामी और आवंटन का मार्ग प्रशस्त करेगा.
मसौदा अधिसूचना के अनुसार
• ई– नीलामी फॉर्वर्ड/ रिवर्स आधार पर आयोजित की जा सकती है, जो कि एंड–यूज उद्योग पर निर्भर होगा.
• फॉर्वर्ड बिडिंग आयरन और स्टील के उत्पादन, कैप्टिव प्रयोग के लिए बिजली उत्पादन और सीमेंट के उत्पादन हेतु किया जाएगा जबकि रिवर्स बिडिंग का प्रयोग बिजली उत्पादन के लिए होगा.
• इच्छुक कंपनियों से इन क्षेत्रों के लिए आवेदन पूर्व योग्यता के लिए मांगी जाएगी और प्री– क्वालिफायड बीडर्स में से सिर्फ 50 फीसदी को ही अपनी बोली प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी.
• प्रस्तावित सांकेतिक मूल्य प्रति टन उत्पादित कोयले की बोली मूल्य होगी. फॉर्वार्ड बिडिंग के मामले में ऐसी बोली मूल्य फ्लोर प्राइस से अधिक और रिवर्स बीडिंग के मामले में उच्चतम मूल्य से कम हो सकती है.
• कोयला ब्लॉक की आंतरिक मूल्य की गणना उसके शुद्ध वर्तमान मूल्य की गणना द्वारा की जाएगी, जो कि डिस्काउंटेड कैश फ्लो मेथड पर आधारित होगा. आंतरिक मूल्य का दस फीसदी अग्रिम में देना होगा.
• विद्युत परियोजनाओं के लिए नीलाम किए जाने वाले कोयला खदानों की उच्चतम मूल्य फिक्सिंग पर – लगात के साथ विद्युत खरीद समझौते, प्रचलित सीआईएल के उच्चतम मूल्य जो कि प्रत्येक कोयला खदान के लिए अधिसूचित है को फिक्स किया जाएगा और बोली लगाने वाले को इस उच्चतम मूल्य से कम कोट करना अनिवार्य होगा.
• कोयला के लिए प्रति टन 100 रुपये की निश्चित रिवर्स मूल्य खान आवंटी द्वारा वास्तविक उत्पादन के अनुसार, देय होगा.
• अ–अनुबंधित क्षमता वाले बिजली संयंत्रों के लिए, बोलीकर्ता अपने कैप को आवंटित कोयला खदान से जुड़ी स्थापित विद्युत क्षमता के व्यापारी क्षमता के 20 फीसदी तक सीमित कर सकेगा.
यह मसौदा अधिसूचना सितंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए गए 2014 कोयला ब्लॉक की नीलामी और आवंटन का मार्ग प्रशस्त करेगा.
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