16 दिसंबर 2014
को लोकसभा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली कानून (
विशेष प्रावधान) संशोधन विधेयक, 2014 पारित कर दिया. विधेयक
को लोकसभा में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने पेश किया था.
विधेयक में राष्ट्रीय
राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली कानून ( विशेष प्रावधान) दूसरा अधिनियम,
2011 में संशोधन की मांग की गई थी क्योंकि 2011 अधिनियम के तहत दी गई समय सीमा 31 दिसंबर 2014
को समाप्त हो रही थी.
इसलिए विधेयक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली कानून ( विशेष प्रावधान) दूसरा अधिनियम, 2011 की समय–सीमा को 31 दिसंबर 2017 तक बढ़ाने की मांग की गई.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली कानून ( विशेष प्रावधान) दूसरा अधिनियम, 2011
• 2011 अधिनियम में यह कहा गया है कि 31 दिसंबर 2014 तक निम्नलिखित संबंधों में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी– क) 1 जनवरी 2006 तक अतिक्रमण या अनधिकृत विकास के संबंध में और ख) अनधिकृत कॉलोनियों, गांवों आबादी क्षेत्र जो 31 मार्च 2002 को मौजूद थे और जहां 8 फरवरी 2007 तक निर्माण कार्य किया गया और अन्य इलाकों में 8 फरवरी 2007 ..
• दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुसार झुग्गी– झोपड़ी में रहने वालों और झुग्गी– झोपड़ी समूह को स्थांतरित करना.
• दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नीति के अनुसार उन्हें विनियमित करना.
• अनधिकृत कॉलोनियों, गांव आबादी इलाकों (और उनके विस्तार) को नियमित करना.
• अनुज्ञेय सीमा से परे बने फार्म हाउस के लिए नीति बनाना.
• दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के सभी अन्य इलाकों के लिए नीति बनाना.
इस विधेयक की जरूरत क्यों पड़ी?
इस विधेयक की जरूरत इसलिए पड़ी ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के अनधिकृत विकास/ कॉलोनियों पर किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न किया जाना सुनिश्चित किया जा सके. इसमें सरकारी एजेंसियों को मानदंड़ों, नीतिगत निर्देशों एवं संभव रणनीतियों को अंतिम रूप देने के साथ– साथ दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 को व्यवस्थित तरीके से कार्यान्वित करने का अवसर देना चाहता है.
इसलिए विधेयक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली कानून ( विशेष प्रावधान) दूसरा अधिनियम, 2011 की समय–सीमा को 31 दिसंबर 2017 तक बढ़ाने की मांग की गई.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली कानून ( विशेष प्रावधान) दूसरा अधिनियम, 2011
• 2011 अधिनियम में यह कहा गया है कि 31 दिसंबर 2014 तक निम्नलिखित संबंधों में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी– क) 1 जनवरी 2006 तक अतिक्रमण या अनधिकृत विकास के संबंध में और ख) अनधिकृत कॉलोनियों, गांवों आबादी क्षेत्र जो 31 मार्च 2002 को मौजूद थे और जहां 8 फरवरी 2007 तक निर्माण कार्य किया गया और अन्य इलाकों में 8 फरवरी 2007 ..
• दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के अनुसार झुग्गी– झोपड़ी में रहने वालों और झुग्गी– झोपड़ी समूह को स्थांतरित करना.
• दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नीति के अनुसार उन्हें विनियमित करना.
• अनधिकृत कॉलोनियों, गांव आबादी इलाकों (और उनके विस्तार) को नियमित करना.
• अनुज्ञेय सीमा से परे बने फार्म हाउस के लिए नीति बनाना.
• दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के सभी अन्य इलाकों के लिए नीति बनाना.
इस विधेयक की जरूरत क्यों पड़ी?
इस विधेयक की जरूरत इसलिए पड़ी ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के अनधिकृत विकास/ कॉलोनियों पर किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न किया जाना सुनिश्चित किया जा सके. इसमें सरकारी एजेंसियों को मानदंड़ों, नीतिगत निर्देशों एवं संभव रणनीतियों को अंतिम रूप देने के साथ– साथ दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 को व्यवस्थित तरीके से कार्यान्वित करने का अवसर देना चाहता है.
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